scriptफर्जी रजिस्ट्री मामले में बड़ा खुलासा, हर फाइल पर मिले अलग हस्ता क्षर | In fake registry case different signs were find in different files | Patrika News

फर्जी रजिस्ट्री मामले में बड़ा खुलासा, हर फाइल पर मिले अलग हस्ता क्षर

locationकानपुरPublished: Oct 27, 2018 10:38:41 am

केडीए में बाबुओं के फर्जीवाड़े को लेकर कार्रवाई के बाद अब उन्होंने एक नया फंडा अपना लिया है. एक ही बाबू अलग-अलग तरह के हस्‍ताक्षर करने लगे हैं. ऐसे ही मामले पकड़ में आने के बाद केडीए ऑफिसर्स ने उन पर और ज्यादा शिकंजा कस दिया है.

कानपुर। केडीए में बाबुओं के फर्जीवाड़े को लेकर कार्रवाई के बाद अब उन्होंने एक नया फंडा अपना लिया है. एक ही बाबू अलग-अलग तरह के हस्‍ताक्षर करने लगे हैं. ऐसे ही मामले पकड़ में आने के बाद केडीए ऑफिसर्स ने उन पर और ज्यादा शिकंजा कस दिया है. अधिकारियों के प्रमाणपत्र के साथ नमूना हस्ताक्षर कम्प्यूटर में फीड कराए जा रहे हैं. इन हस्ताक्षर के साथ उनके नाम की मोहर भी बनाई जा रही है, जो कि अब हस्‍ताक्षर के साथ उन्हें इस्तेमाल करनी है.
बुरे फंसे हैं कई बाबू
पिछले दिनों जूही डब्ल्यू-2 व किदवई नगर के चार प्‍लॉट की फर्जी रजिस्ट्री में केडीए के 5 बाबू फंसे हैं. महेश गुप्ता, केके गुप्ता, प्रेम सिंह राठौर और कमलेश साहू है. एक अन्य बाबू की मौत हो चुकी है. इससे केडीए के बाबुओं में दहशत मची हुई है. विभागीय कार्रवाई के अलावा पुलिस ने इन पर शिकंजा कस रखा है. शायद यही वजह है कि प्रॉपर्टी सेक्शन के बाबुओं ने नया फंडा अपना लिया है. वह फाइलों पर अलग-अलग सिग्नेचर कर रहे हैं. जोन-2 सेल के क्लर्क सीपी गुप्ता आदि के मामले सामने आने पर केडीए ऑफिसर अलर्ट हो गए. उन्होंने इस समस्या के हल के लिए रास्ते तलाश लिए हैं.
रिकार्ड रूम पर एक नजर
केडीए के रिकार्ड से इश्यू कराई जानी वाली फाइलों की व्यवस्था कुछ बुक लाइब्रेरी की तरह होगी. केवल 15 दिन के लिए एक फाइल मिलेगी. इससे अधिक समय लगने पर संबंधित कर्मचारी को फाइल री-इश्यू करानी होगी. इसके साथ फाइल लेते समय उसे कम्प्यूटर में एंट्री के साथ बॉयोमैट्रिक पंचिंग भी करनी होगी. गड़बड़ी रोकने के लिए बुक लाइब्रेरी की तरह निश्चित संख्या में फाइल मिल सकेगी. इस बारे में केडीए वीसी ने बताया कि सॉफ्टवेयर तैयार कर लिया गया है. एक महीने के भीतर व्यवस्थाएं लागू कर दी जाएंगी.
ऐसा बताते हैं केडीए वीसी
इस बारे में केडीए वीसी किंजल सिंह बताते हैं कि बाबुओं के अलग-अलग साइन करने की समस्या के हल के इंतजाम किए जा रहे हैं. प्रमाणपत्र के साथ नमूना हस्ताक्षर लिए जा रहे हैं. उन्हें सिग्नेचर के अलावा नाम व हस्ताक्षर युक्त मोहर इस्तेमाल करनी होगी. इससे गड़बड़ी पर रोक लगेगी.
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