scriptपिता के लिए एक बेटी ने अपने आंचल का बनाया कफन, एक दर्दनाक कहानी | In Kannauj, the daughter shrouded her father with a dupatta | Patrika News

पिता के लिए एक बेटी ने अपने आंचल का बनाया कफन, एक दर्दनाक कहानी

locationकानपुरPublished: May 28, 2020 01:42:52 pm

कन्नौज जिला अस्पताल में इंसानियत की मौत, डाक्टर्स की शर्मनाक हरकत

पिता के लिए एक बेटी ने अपने आंचल का बनाया कफन, एक दर्दनाक कहानी

पिता के लिए एक बेटी ने अपने आंचल का बनाया कफन, एक दर्दनाक कहानी

कानपुर। एक ओर पूरे देश में लॉकडाउन के कारण गरीब-बेसहारा और प्रवासी श्रमिकों की मदद के लिए समाजसेवी दोनों हाथों से राहत बांट रहे हैं, तो दूसरी ओर कन्नौज जिले में मानवता उस समय शर्मसार हो गई जब बूढ़े पिता की लाश को कफन देने के लिए बेटी को अपना दुपट्टा उतारना पड़ गया। उस पिता की आत्मा को कितना भारी कष्ट हुआ होगा कि उसकी वजह से बेटी को अपना आंचल शरीर से अलग करना पड़ा। पर मौके पर मौजूद लोगों में किसी का दिल नहीं पसीजा जो धूप में पड़े वृद्ध की लाश के लिए कपड़ा नसीब हो पाता। इस दौरान अस्पताल प्रशासन की बेदर्दी भी खुलकर सामने आयी।
सडक़ हादसे में घायल वृद्ध की हुई मौत
मामला सदर कोतवाली क्षेत्र के जेवां-अटारा गांव का है। यहां के किसान महेश बाइक की टक्कर से बुरी तरह घायल हो गए थे। महेश की बेटी ग्रामीणों की मदद से जिला अस्पताल लेकर पहुंची। यहां के डॉक्टरों ने घायल महेश को मेडिकल कालेज तिर्वा के लिए रेफर कर दिया। महेश की बेटी पिता को अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस की गुहार लगाती रही पर किसी ने नहीं सुना। काफी देर बाद एंबुलेंस मिली तो महेश ने दम तोड़ दिया। जिसके बाद एंबुलेंस चालक ने उसकी लाश को पोस्टमार्टम हाउस के बाहर सडक़ पर लाकर डाल दिया।
दुपट्टे को बनाया पिता का कफन
काफी देर तक महेश की लाश सडक़ पर धूप में पड़ी रही और बेटी अकेले ही बिलखती रही। इस दौरान किसी स्वास्थ्य कर्मी ने न तो शव में लगी डिप हटाई और न ही बोतल निकाली। करीब पौन घंटे बाद ग्रामीणों की मदद से शव को उठाकर टीन शेड के नीचे रखवाया गया। यहां बेटी ने पिता की लाश को रखने के लिए खुद ही झाड़ू लगाकर जगह साफ की। काफी देर तक मांगने के बाद भी अस्पताल स्टाफ ने उसे स्ट्रेचर उपलब्ध नहीं कराया तो बेटी ने अपना दुपट्टा उताकर उसमें पिता के शव को लपेट दिया।
सीएमएस ने पल्ला झाड़ा
इस बारे में सीएमएस यूसी चतुर्वेदी अस्पताल प्रशासन का बचाव करते दिखे। मीडियाकर्मियों के पूछे जाने पर उन्होंने किसी भी तरह की लापरवाही होने से इनकार कर दिया। उन्होंने तो यह कहा कि एंबुलेंस चालक शव को गेट पर रखकर मर्च्युरी की चाबी लेने चला गया था। उसके लौटकर आने से पहले ही घरवाले शव लेकर जा चुके थे। डिप हटाने के सवाल पर कहा कि मृतक परिजन ने किसी स्वास्थ्य कर्मी से इस बारे में कहा ही नहीं।
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