कानपुर देहात से गुजरी दिल्ली-हावड़ा रेलवे लाइन अतिव्यस्त है। यहां से हर दिन लगभग ढ़ाई सौ ट्रेनों की आवाजाही होती है। रूरा की पश्चिमी केबिन क्रॉसिग बंद होने से माती मुख्यालय जाने वालों को परेशानी होती है। यहां से शिवली, झींझक, रसूलाबाद सहित अन्य मार्गो के लोग निकलते है। प्रति पांच मिनट में ट्रेन निकलने से थोड़ी थोड़ी देर में फाटक बंद होता है। जाम लगने व आवागमन में होने वाली समस्या के मद्देनजर यहां ओवर ब्रिज निर्माण का प्रस्ताव किया गया था। इसकी मंजूरी मिल गई है। अब रेलवे ने ओएचई के ऊपर आरओबी निर्माण की जिम्मेदारी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर को दी है।
कॉरिडोर ने आरओबी के लिए जेसीएल कंपनी को अधिकृत किया है। इसके बाद जेसीएल कंपनी अपने सहयोगी जय मां कंस्ट्रक्शन से काम करा रही है। पाइलिंग वर्क का काम शुरू होने के बाद पश्चिमी केबिन के डाउन ट्रैक के किनारे स्थित पशु चिकित्सालय परिसर के पास बोरिंग के बाद करीब 90 फीट गहराई पर पाइलिंग को मशीनों की सहायता से जमीन के अंदर किया गया है। इसके बाद कंक्रीट भराई का काम चालू कर दिया गया। कार्यदायी संस्था के प्रमुख मनीष मिश्र ने बताया कि जमीन के अंदर 90 फीट की गहराई में पाइलिग डालना और उसमे कंक्रीट भरकर जमीन की सतह तक लाया जाएगा। कुल सात पिलर बनाए जाने हैं। पाइलिग कार्य पूरा होने के बाद पिलर निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी।