कानपुर

इस तरह अपनाया था बंदी ने जुर्म का रास्ता, इसके पहले भी जा चुका था जेल, बैरकों में चला तलाशी अभियान

इसके बाद जेल प्रशासन ने सभी बैरकों में तलाशी अभियान चलाया, लेकिन कोई संदिग्ध सामान नहीं मिला है।

कानपुरAug 24, 2020 / 11:12 pm

Arvind Kumar Verma

इस तरह अपनाया था बंदी ने जुर्म का रास्ता, इसके पहले भी जा चुका था जेल, बैरकों में चला तलाशी अभियान

कानपुर देहात-जिला कारागार में अपनी गर्दन व कलाई काटने वाले बंदी रुस्तम के जुर्म का सिलसिला उस समय शुरू हुआ था। जब उसके पिता राशिद को एक मासूम के दुष्कर्म के आरोप में तीन वर्ष पहले सजा हुई थी। सूत्रों के मुताबिक पिता के जेल जाने के बाद रुस्तम चौबेपुर रेलवे क्रासिंग समीप निवासी मुन्ना के साथ रहने लगा। मुन्ना अपने रिश्तेदार इमरान के साथ किसी भी घटना में रुस्तम को भी साथ रखता था। इस तरह रुस्तम भी जुर्म के रास्ते पर चल पड़ा। बताया गया कि रुस्तम के साथ मुन्ना और इमरान भी पुलिस ने गिरफ्तार किया था। शनिवार को रुस्तम द्वारा चम्मच को धारदार बनाकर आत्महत्या करने की कोशिश के बाद उसे इलाज के लिए कानपुर भेजा गया। फिलहाल उसकी हालत खतरे से बाहर बतायी गई है। इसके बाद जेल प्रशासन ने सभी बैरकों में तलाशी अभियान चलाया, लेकिन कोई संदिग्ध सामान नहीं मिला है।
कानपुर नगर के चौबेपुर निवासी रुस्तम द्वारा जेल में खुदकुशी के प्रयास के बाद जेल प्रशासन सक्रिय हो गया। बैरक में बंदी रुस्तम द्वारा इस प्रकार का कृत्य करने के बाद सभी बैरकों की तलाशी ली गई। साथ ही बंदी रक्षकों से सतर्क रहकर पैनी नजर रखने को कहा गया है। उधर कानपुर के हैलट में उसका इलाज चल रहा है। जेल सूत्रों के मुताबिक रुस्तम के जुर्म का रास्ता चौबेपुर निवासी मुन्ना व उसके रिश्तेदार इमरान से शुरू हुआ। उसी दौरान इन लोगों ने अमराहट से मवेशी चोरी कर घाटमपुर के एक चरवाहे शकील के पास रखे थे। इसके पहले भी रुस्तम गजनेर थाने से भी चोरी के मामले में जेल जा चुका है। जेलर कुश कुमार ने बताया कि जेल की सभी बैरकों में तलाशी अभियान चलाया गया, लेकिन कोई भी संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है।

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