करदाता की गलती पर तय होती पेनाल्टी
आयकर अधिनियम में पेनाल्टी का निर्धारण करदाता द्वारा की गई गलती के आधार पर किया जाता है। पेनाल्टी का निर्धारण आयकर अधिकारी करेगा लेकिन यह किसी भी दशा में बकाया कर राशि से अधिक नहीं होगी। यदि आय का मूल्यांकन करदाता द्वारा घोषित आय से अधिक है या ऐसे मामलों में जहां रिटर्न दाखिल नहीं किया गया है तो घोषित आय के अतिरिक्त आय पर देय टैक्स का 50 प्रतिशत जुर्माना लगाया जाएगा।
आयकर अधिनियम में पेनाल्टी का निर्धारण करदाता द्वारा की गई गलती के आधार पर किया जाता है। पेनाल्टी का निर्धारण आयकर अधिकारी करेगा लेकिन यह किसी भी दशा में बकाया कर राशि से अधिक नहीं होगी। यदि आय का मूल्यांकन करदाता द्वारा घोषित आय से अधिक है या ऐसे मामलों में जहां रिटर्न दाखिल नहीं किया गया है तो घोषित आय के अतिरिक्त आय पर देय टैक्स का 50 प्रतिशत जुर्माना लगाया जाएगा।
नियम पालन के लिए हो पेनाल्टी
एसोसिएशन के अध्यक्ष दीप कुमार मिश्र ने कहा कि पेनाल्टी का उपयोग नियमों के पालन के लिए किया जाए न कि टैक्स कलेक्शन बढ़ाने में किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि एसोसिएशन अपने सदस्यों की समस्याओं को ज्ञापन केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड को भेजने जा रहा है जिसमें सितम्बर में जमा करने वाले ऑडिट व रिटर्न को भेजने की तारीख बढ़ाने की मांग भी है। कार्यक्रम का संचालन राजीव कुमार गुप्ता व शरद शेखर श्रीवास्तव ने किया।
एसोसिएशन के अध्यक्ष दीप कुमार मिश्र ने कहा कि पेनाल्टी का उपयोग नियमों के पालन के लिए किया जाए न कि टैक्स कलेक्शन बढ़ाने में किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि एसोसिएशन अपने सदस्यों की समस्याओं को ज्ञापन केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड को भेजने जा रहा है जिसमें सितम्बर में जमा करने वाले ऑडिट व रिटर्न को भेजने की तारीख बढ़ाने की मांग भी है। कार्यक्रम का संचालन राजीव कुमार गुप्ता व शरद शेखर श्रीवास्तव ने किया।
यह हैं पेनाल्टी के नियम
पेनाल्टी के नियमानुसार यदि खाता पुस्तकें एवं अन्य आवश्यक दस्तावेज नहीं हैं तो जुर्माने की राशि 25,000 है। और यदि करदाता ने अंतरराष्ट्रीय लेनदेन किया है लेकिन दस्तावेज नहीं हैं तो जुर्माना लेनदेन के मूल्य का 2 प्रतिशत होगा। इसके अलावा करदाता अपने खातों का ऑडिट कराने में विफल रहता है, तो जुर्माना कुल बिक्री (टर्नओवर) का 0.5 प्रतिशत या रु. 1,50,000 में से जो भी कम हो, देना होगा। जो व्यक्ति टीडीएस नहीं काट रहा है तो उसे टैक्स की राशि के बराबर जुर्माना देना पड़ेगा। टीडीएस स्टेटमेंट प्रस्तुत करने या गलत स्टेटमेंट जुर्माना दस हजार से एक लाख तक है।
पेनाल्टी के नियमानुसार यदि खाता पुस्तकें एवं अन्य आवश्यक दस्तावेज नहीं हैं तो जुर्माने की राशि 25,000 है। और यदि करदाता ने अंतरराष्ट्रीय लेनदेन किया है लेकिन दस्तावेज नहीं हैं तो जुर्माना लेनदेन के मूल्य का 2 प्रतिशत होगा। इसके अलावा करदाता अपने खातों का ऑडिट कराने में विफल रहता है, तो जुर्माना कुल बिक्री (टर्नओवर) का 0.5 प्रतिशत या रु. 1,50,000 में से जो भी कम हो, देना होगा। जो व्यक्ति टीडीएस नहीं काट रहा है तो उसे टैक्स की राशि के बराबर जुर्माना देना पड़ेगा। टीडीएस स्टेटमेंट प्रस्तुत करने या गलत स्टेटमेंट जुर्माना दस हजार से एक लाख तक है।