फाइनेंसरों पर रहेगी नजर
आयकर विभाग ने अपने इन जासूसों को खासतौर पर चुनावी खर्च पर नजर रखने के लिए तैनात किया है। चुनाव में प्रत्याशियों के फाइनेंसर इनके रडार पर रखेंगे। प्रचार पर किए गए खर्च को चुनावी खर्च से बचाने के लिए प्रत्याशी तरह-तरह के हथकंडे अपनाते हैं, पर इस बार ये सब पकड़ में आ सकता है। चुनाव में नकदी के परिवहन को लेकर भी ये जासूस खासे सक्रिय हैं।
आयकर विभाग ने अपने इन जासूसों को खासतौर पर चुनावी खर्च पर नजर रखने के लिए तैनात किया है। चुनाव में प्रत्याशियों के फाइनेंसर इनके रडार पर रखेंगे। प्रचार पर किए गए खर्च को चुनावी खर्च से बचाने के लिए प्रत्याशी तरह-तरह के हथकंडे अपनाते हैं, पर इस बार ये सब पकड़ में आ सकता है। चुनाव में नकदी के परिवहन को लेकर भी ये जासूस खासे सक्रिय हैं।
बाहरी मददगार होंगे चिन्हित
आयकर विभाग ने ऐसे लोगों पर भी निगाहें जमा दी हैं जो प्रत्याशी को बाहर रहकर भी मदद कर रहे हैं। विभाग के मुखबिर हर लोकसभा क्षेत्र में प्रत्याशियों और पार्टी नेताओं की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं। विभागीय अफसरों ने इसे लेकर हर तरह से तैयारी पुख्ता कर रखी है।
आयकर विभाग ने ऐसे लोगों पर भी निगाहें जमा दी हैं जो प्रत्याशी को बाहर रहकर भी मदद कर रहे हैं। विभाग के मुखबिर हर लोकसभा क्षेत्र में प्रत्याशियों और पार्टी नेताओं की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं। विभागीय अफसरों ने इसे लेकर हर तरह से तैयारी पुख्ता कर रखी है।
पहचान कर पाना आसान नहीं
आयकर विभाग के इन जासूसों की पहचान कर पाना आसान न होगा। ये जासूस पार्टी कार्यकर्ता बनकर चुनाव प्रचार भी कर सकते हैं और प्रचार सामग्री लगाने वाले मजदूर भी हो सकते हैं। प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार अभियान में ये किस तरह से शामिल हो जाएं, कहा नहीं जा सकता।
आयकर विभाग के इन जासूसों की पहचान कर पाना आसान न होगा। ये जासूस पार्टी कार्यकर्ता बनकर चुनाव प्रचार भी कर सकते हैं और प्रचार सामग्री लगाने वाले मजदूर भी हो सकते हैं। प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार अभियान में ये किस तरह से शामिल हो जाएं, कहा नहीं जा सकता।