हमेशा न्यूनतम बैलेंस वाले खाते भर गए
आठ नवंबर २०१६ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की तो चमत्कार हो गया। वर्षों से जो खाते न्यूनतम बैलेंस के लिए भी तरस रहे थे, अचानक उनमें बड़ी रकम जमा होने लगी। पांच से दस हजार रुपया महीना वेतन पाने वाले के खाते में भी ४० से ४५ हजार रुपए जमा होने लगे और वह भी बार-बार। आयकर की लिमिट ढाई लाख की थी, इसलिए इन इतनी रकम जमा कराई गई।
आठ नवंबर २०१६ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की तो चमत्कार हो गया। वर्षों से जो खाते न्यूनतम बैलेंस के लिए भी तरस रहे थे, अचानक उनमें बड़ी रकम जमा होने लगी। पांच से दस हजार रुपया महीना वेतन पाने वाले के खाते में भी ४० से ४५ हजार रुपए जमा होने लगे और वह भी बार-बार। आयकर की लिमिट ढाई लाख की थी, इसलिए इन इतनी रकम जमा कराई गई।
कमीशन के नाम पर हुई कमाई
नोटबंदी ने कालाधन दबाए बैठे लोगों के पसीने छुड़ा दिए थे पर गरीबों की खूब कमाई हुई। लोगों ने अपने नौकर, माली, ड्राइवर और यहां तक कि आसपास के स्थाई सब्जी और चाय की दुकान लगाने वालों के बैंक खातों का भी इस्तेमाल किया और इसके बदले में उन्हें १० से १५ प्रतिशत तक कमीशन दिया। इसके चलते इन लोगों की चांदी हो गई और खुशी-खुशी गरीबों ने अपने बैंक खातों के दस्तावेज इन सेठों को थमा दिए।
नोटबंदी ने कालाधन दबाए बैठे लोगों के पसीने छुड़ा दिए थे पर गरीबों की खूब कमाई हुई। लोगों ने अपने नौकर, माली, ड्राइवर और यहां तक कि आसपास के स्थाई सब्जी और चाय की दुकान लगाने वालों के बैंक खातों का भी इस्तेमाल किया और इसके बदले में उन्हें १० से १५ प्रतिशत तक कमीशन दिया। इसके चलते इन लोगों की चांदी हो गई और खुशी-खुशी गरीबों ने अपने बैंक खातों के दस्तावेज इन सेठों को थमा दिए।
अब १७ बिंदुओं पर होगी खातों की जांच
आयकर विभाग अब १७ बिंदुओं पर उन सभी खातों की जांच करेगा, जिनमें नोटबंदी के बाद बड़ी रकम जमा हुई है। जिसमें जमा और आय का तुलनात्मक अध्ययन किया जाएगा। नोटबंदी के पहले दो साल तक का खातों का लेनदेन भी जांचा जाएगा। खातों में अचानक जमा हुई बड़ी रकम का स्रोत भी खातेदार से पूछा जाएगा। इसके अलावा टैक्स देने वालों की भी जांच होगी। जमाकर्ता की रकम और कारोबार की भी पड़ताल की जाएगी।
आयकर विभाग अब १७ बिंदुओं पर उन सभी खातों की जांच करेगा, जिनमें नोटबंदी के बाद बड़ी रकम जमा हुई है। जिसमें जमा और आय का तुलनात्मक अध्ययन किया जाएगा। नोटबंदी के पहले दो साल तक का खातों का लेनदेन भी जांचा जाएगा। खातों में अचानक जमा हुई बड़ी रकम का स्रोत भी खातेदार से पूछा जाएगा। इसके अलावा टैक्स देने वालों की भी जांच होगी। जमाकर्ता की रकम और कारोबार की भी पड़ताल की जाएगी।