कानपुर

समय पर इलाज न मिला तो जान भी ले सकता है हेपेटाइटिस

चीन के बाद भारत में हेपेटाइटिस का खतरा सबसे ज्यादाइलाज और सस्ती दवाएं भी मौजूद पर सतर्कता जरूरी

कानपुरJul 28, 2019 / 12:03 pm

आलोक पाण्डेय

समय पर इलाज न मिला तो जान भी ले सकता है हेपेटाइटिस

कानपुर। जानलेवा बीमारी हेपेटाइटिस का इलाज मौजूद है, पर इस बीमारी से जितना बचाव करें उतना बेहतर। लापरवाही आपको मुश्किल में भी डाल सकती है। शहर में हेपेटाइटिस से पीडि़त मरीजों की संख्या भी दिन पर दिन बढ़ती जा रही है, इसे लेकर डॉक्टरों की चिंता भी बढ़ गई है। इसलिए डॉक्टरों ने सलाह दी है कि लोग फैटी लिवर से दूर रहें, ताकि संक्रमण का खतरा कम हो।
दुनिया में भारत दूसरे नंबर पर
हेपेटाइटिस की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस बीमारी से पीडि़त मरीजों की संख्या में भारत दुनिया में दूसरे स्थान पर है। मगर राहत की बात है कि इसका इलाज मिल गया है। हेपेटाइटिस बी या सी का संक्रमण भी ठीक हो रहा है। सस्ती दवाएं बाजार में उपलब्ध हैं। डॉक्टरों ने सलाह दी है कि फैटी लिवर से बचें। इस बीमारी से पीडि़त मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। विशेषज्ञों ने इसे लेकर खासी चिंता जताई है।
इलाज में देरी जानलेवा
डॉक्टर पीयूष मिश्र के मुताबिक यदि हेपेटाइटिस बी और सी का समय पर इलाज न हो तो ये जानलेवा हो सकता है। लिवर की क्रोनिक बीमारी-सिरोसिस (लिवर पर धब्बे) और लिवर कैंसर तक कर सकती है। डॉ. पीयूष मिश्र का कहना है कि शराब और तम्बाकू छोड़ दें। फैटी लिवर जीवन के लिए बड़ा दुश्मन है।
दवाओं का सेवन में सावधानी
हेपेटाइटिस बी और सी संक्रमण से पीडि़त लोगों के लिए जरूरी है कि दवाइयां डॉक्टरों के परामर्श पर लें। ऐसा न करने पर वायरस एंटीवायरल दवाओं के प्रति रेजिस्टेंट विकसित हो सकता है। दवा समय से पहले बंद कर देने से वायरल लोड और लिवर एंजाइम में वृद्धि हो सकती है, जिससे लिवर खराब हो सकता है। बहुत अधिक चीनी के सेवन से लिवर को नुकसान हो सकता है। इससे लिवर में फैट जमा हो सकता है, जो लिवर सम्बंधी बीमारी की वजह बन सकता है।
यह लक्षण दिखें तो हो जाएं सतर्क
अगर पेट में दर्द, पेट में सूजन, हल्के दस्त आना, भूख कम होना, जी मिचलाना, थकान, बुखार, पीलिया, जोड़ों में दर्द, यूरिन में पीलापन, बेहोशी, झटके आने जैसे लक्षण नजर आएं तो देर न करें। तुरंत डॉक्टरों से संपर्क करें।

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