scriptराम की जीत पर अक्खड़ कानपुर का यह अल्हड़ अंदाज  | Indian Presidential Election 2017 Ramnath Kovind Victory Celebration In Kanpur | Patrika News

राम की जीत पर अक्खड़ कानपुर का यह अल्हड़ अंदाज 

locationकानपुरPublished: Jul 20, 2017 06:49:00 pm

तीखे तेवर वाला शहर आज खूब झूमा। गगन में गुलाल उड़ा और आतिशबाजी ने दीपावली जैसी रंगत को चटख कर दिया। ईद की मिठास बांटी गई और शबद कीर्तन से संगत निहाल हुई। अक्खड़ कानपुर ऐसी मस्ती देखकर त्योहार का भ्रम होता रहा। कानपुर के चहकने का वाजिब कारण मौजूं है

Ramnath Victory Celebtation

Ramnath Victory Celebtation

आलोक पाण्डेय

कानपुर. सावन में फाल्गुन का नजारा कि बोलो.. सारारारररर…..। ऐसी ही मस्ती के साथ तीखे तेवर वाला शहर आज खूब झूमा। गगन में गुलाल उड़ा और आतिशबाजी ने दीपावली जैसी रंगत को चटख कर दिया। ईद की मिठास बांटी गई और शबद कीर्तन से संगत निहाल हुई। अक्खड़ कानपुर ऐसी मस्ती देखकर त्योहार का भ्रम होता रहा। कानपुर के चहकने का वाजिब कारण मौजूं है तो कनपुरिये कैसे पीछे रहते। देश के नए महामहिम रामनाथ कोविंद के शहर कानपुर ने यह अहसास कराने में तनिक भी कंजूसी नहीं दिखाई कि अब रंगबाजी रायसीना हिल्स तक पहुंच गई है। जुदा और निराले अंदाज वाले कनपुरियों में किसी ने पानी के बताशों का भंडारा कराया तो किसी ने पेठा बंटवाया। उधर, रामनाथ कोविंद के मोहल्ले इंदिरानगर में ढोल की तान पर नौजवान थिरकते रहे, जबकि पैतृक गांव परौंख और झींझक कस्बे में मिठाई बांटने का दौर चला। 

झींझक में बड़े भाई प्यारेलाल के घर में दीपावली, कानपुर में हुई होली

नतीजा तो तय था, इंतजार था सिर्फ मुनादी का, जैसे ही शाम 5.30 बजे एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद की जीत का ऐलान हुआ, समूचा कानपुर नगर और देहात मस्ती में डूब गया। नए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पैतृक गांव कानपुर देहात के डेरापुर कस्बे के परौंख में पटाखों का शोर गूंजने लगा। गांव में मस्ती की टोली घूम-घूमकर ‘अब तो दद्दू की है सरकार, पड़ोसी पानी भरैं…’ की तान के साथ घूमने निकल पड़ी। उधर झींझक कस्बे में रामनाथ कोङ्क्षवंद के बड़े भाई प्यारेलाल और भतीजे पंकज की दुकान के सामने भी खूब आतिशबाजी हुई। कुछ ही देर में यहां भी ढोल-मंजीरा की तान पर थिरकने वालों की भीड़ जुट गई थी। एक आवाज गूंजी, अरे लड्डू किधर हैं? बस फिर क्या था। कुछ ही देर में इलाके की तमाम मिठाई की दुकानों से लड्डू खत्म हो चुके थे। क्या अपना-क्या पराया, आज तो सभी रामनाथ कोङ्क्षवद के साथ कनपुरिया रिश्ता निभाने में जुटे थे। मुस्लिम बिरादरी के तमाम लोगों ने सिंवई बांटकर ईद की खुशी को दोहराया। 

भोले के मंदिर में रामनाथ के जयकारे गूंजते रहे
 
शाम के वक्त भोलेनाथ के मंदिरों में भक्तों की भीड़ एकत्र हुई तो शंभू के जयकारों के साथ-साथ रामनाथ कोविंद के जयकारे भी गूंजे। सिद्वनाथ मंदिर के भक्त ज्ञानेंद्र दीक्षित ने कहाकि भोलेनाथ का आशीर्वाद जरूरी है। अब बड़ी जिम्मेदारी संभालनी है तो महादेव का आशीष भी जरूरी है। उधर कानपुर शहर के इंदिरा नगर मोहल्ले में भी शाम के वक्त रामनाथ कोविंद के घर के बाहर समर्थकों और जनसामान्य का जमावड़ा दिखा। हालांकि घर में रामनाथ के परिवार का कोई सदस्य मौैजूद नहीं था, लेकिन यह कमी उत्साह और उत्सव को फीका करने वाली नहीं थी। यहां कनपुरियों ने खूब होली खेली। एक-दूसरे के गाल पर गुलाल लगाकर जश्न मनाया गया। उधर मालरोड, किदवईनगर, गोविंदनगर, लालबंगला में नौजवानों ने कनपुरिया चिल्लर पंरपरा को आगे बढ़ाते हुए पानी के बताशों और पेठे का भंडारा कराया। लोगों को रोक-रोककर पानी के बताशे (गोलगप्पे) खिलाए गए। 

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