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महिला के खून से बांझपन दूर करने में मिली बड़ी कामयाबी

locationकानपुरPublished: May 27, 2019 07:08:26 am

गर्भाशय की मृत कोशिकाएं सक्रिय कर तीन को दिया मां बनने का सुख,मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने किया कमाल, २८ महिलाओं पर हो रहा शोध

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महिला के खून से बांझपन दूर करने में मिली बड़ी कामयाबी

कानपुर। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने वह कर दिखाया जो अब तक नामुमकिन था। बांझपन किसी महिला के लिए ऐसा अभिशाप है, जिसका दंश वह जीवन भर भुगतती है, पर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने महिला के खून से ही उसका बांझपन दूर करने की तकनीक में कामयाबी हासिल की है। अब तक इस तकनीक के जरिए तीन महिलाओं की सूनी गोद भरी जा सकी है।
गर्भाशय की मृत कोशिकाएं की सक्रिय
मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने खून के प्लाज्मा से यूट्रस की मृत कोशिकाओं को पुनर्जीवित कर सूनी कोख भर दी। डॉक्टरों को यह कामयाबी मात्र छह महीने के इलाज में हासिल की गई है। इस समय ऐसी 28 महिलाएं हैं जिन पर यह शोध चल रहा है। तीन महिलाओं पर मिली सफलता से डॉक्टर बेहद उत्साहित हैं और अब इन महिलाओं के गर्भाशय में भी इस तकनीक से बांझपन दूर करने की कोशिश हो रही है।
यह है तकनीक
बांझपन दूर करने वाली इस तकनीक में सम्बंधित महिला का 17.5 मिलीलीटर ब्लड लिया जाता है। 2.5 मिलीलीटर इसमें मीडिया (रसायन) डालते हैं। विशेष प्रक्रिया से तैयार कुछ मिलीलीटर प्लाज्मा लेकर कैनुला के जरिए सीधे यूट्रस में डाल देते हैं। प्लेटलेट रिच प्लाज्मा में मृत कोशिकाओं को सक्रिय करने की क्षमता है। यह आसपास कोशिकाओं को सक्रिय कर देते हैं।
एंडोमेट्रियोसिस की बीमारी से मिली मुक्ति
मेडिकल कॉलेज की गायनी विभाग की अध्यक्ष प्रो. किरण पाण्डेय का कहना है कि एंडोमेट्रियोसिस बांझपन के लिए बड़ी वजह बन रहा है। मगर प्लेट रिच प्लाज्मा तकनीक से गर्भाशय की एंडोमीट्रियोसिस बीमारी से भी मुक्ति मिल गई है। इस बीमारी में गर्भाशय की कोशिकाओं का वह स्तर (लेयर) कमजोर हो जाता है जिस लेयर की कोशिकाओं से बच्चे पैदा होने का आधार तैयार होता है। इस लेयर की कमजोरी(थिन इंड्रोमीट्रियम) से बांझपन की शिकायत अधिक होती है। अब तक 46 महिलाएं पंजीकृत हो चुकी हैं। कई महिलाएं हैं जिनकी गोद 8-10 साल से सूनी थी। कुछ महिलाओं को 10 वर्षों से मासिक चक्र बंद था। उसे रूटीन में लाया गया है। इस रिसर्च को इथिकल कमेटी ने भी स्वीकृत दी है।
बांझपन के लक्षण
महिलाओं में बांझपन का प्राथमिक लक्षण पैल्विक दर्द है, जो मासिक चक्र से जुड़ा होता है। कई महिलाएं मासिक चक्र के दौरान ऐंठन का अनुभव करती हैं। एंडोमेट्रियोसिस वाली महिलाएं दर्द और लम्बे समय की शिकायत करती हैं। इसमें महिलाओं को अभी तक एक दवा दी जाती है जो अधिकतर महिलाओं में कारगर साबित नहीं होती है। दवाओं के साथ कुछ अन्य तकनीक से गर्भाशय की इस अहम लेयर को ठीक करने की कोशिश हो रही है।

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