कानपुर

सतर्क रहें महिलाएं तो गर्भाशय की टीबी से बचाव आसान

आसान जांचें हैं उपलब्ध, नहीं होती कोई तकलीफ४० फीसदी महिलाएं इस वजह से नहीं बन पातीं मां

कानपुरApr 28, 2019 / 02:10 pm

आलोक पाण्डेय

सतर्क रहें महिलाएं तो गर्भाशय की टीबी से बचाव आसान

कानपुर। महिलाओं में तेजी से फैल रही जननांगों और गर्भाशय की टीबी से बांझपन का खतरा बढ़ रहा है। इसलिए महिलाओं को बदलते लक्षणों के साथ सावधान हो जाना चाहिए। हालांकि इसका इलाज मौजूद है, लेकिन इसमें काफी समय लग जाता है, इसलिए समय से पहचान हो जाने पर इलाज से जल्दी राहत मिल जाती है।
जांचें हुईं आसान
बच्चेदानी में टीबी की जांचों में महिलाओं को किसी तरह तकलीफ नहीं होती है। यह बातें फॉग्सी कानपुर इकाई के संयोजन में आयोजित कार्यशाला में डॉ. अशोक रतन और प्रो. राजेन्द्र प्रसाद ने कही। उन्होंने बताया कि बच्चेदानी में टीबी के संक्रमण से बचने के लिए आसान जांचें उपलब्ध हैं, लेकिन यह समय पर होनी चाहिए, देरी या लापरवाही से नुकसान ज्यादा हो सकता है।
४० फीसदी महिलाओं में यह समस्या
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नीलम मिश्र ने कहा कि की 30-40 फीसदी महिलाओं में बच्चा पैदा नहीं होने की वजह जननांगों में टीबी है। 20-40 वर्ष की महिलाओं में यह बीमारी अधिक होती है। कार्यक्रम का संचालन डॉ. किरण सिन्हा ने और डॉ. रेशमा निगम ने किया। डॉ. राशि मिश्र ने सभी मेहमानों व आयोजकों को धन्यवाद दिया। डॉ. किरण पाण्डेय, डॉ. मधु लुम्बा, डॉ. रीता मित्तल आदि मौजूद थीं।
महिला के ब्लड से होगी जांच
डॉ. नीलम मिश्र ने कहा कि बच्चेदानी में टीबी की जांच कराने के लिए अब बच्चेदानी से मांस का टुकड़ा लेने की जरूरत नहीं होगी। मासिक के दौरान रक्तस्राव के ब्लड से भी इसकी जांच हो सकती है। महिलाओं को ध्यान देना होगा कि अगर मासिक धर्म अनियमित हो रहा है या ज्यादा हो रहा है और पेट में रह रहकर दर्द होता हो तो इसकी तुरंत जांच करानी चाहिए।
 

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