scriptमुआवजे को लेकर बीमा कंपनी के सर्वे में कुछ ऐसे आंकड़े आये सामने, किसानों को लग सकता है बड़ा झटका | insurance company survey for crop claim here kanpur dehat | Patrika News

मुआवजे को लेकर बीमा कंपनी के सर्वे में कुछ ऐसे आंकड़े आये सामने, किसानों को लग सकता है बड़ा झटका

locationकानपुरPublished: Feb 21, 2019 07:34:56 pm

Submitted by:

Arvind Kumar Verma

बताया गया कि 50 फीसदी से कम नुकसान होने के चलते किसानों को क्लेम नहीं मिल सकेगा।

fasal

मुआवजे को लेकर बीमा कंपनी के सर्वे में कुछ ऐसे आंकड़े आये सामने, किसानों को लग सकता है बड़ा झटका

कानपुर देहात-मौसम का मिजाज फरवरी माह में कुछ ऐसा रहा कि किसानों को आहत कर गया। वहीं किसानों की फसलों के नुकसान को लेकर बीमा कंपनी के एक सर्वे के बाद किसानों को बड़ा झटका लग सकता है। दरअसल फरवरी माह के शुरूआत में हुई जोरदार बारिश के बाद फसलों को नुकसान पहुंचने पर बीमा कंपनी की ओर से जिले के दसों ब्लाक के 156 ग्राम पंचायतों में किये गए रैंडम सर्वे में अधिकतम 15 फीसदी चना, सरसों व गेहूं की फसलों को नुकसान होने का आंकलन किया गया है। वहीं बताया गया कि 50 फीसदी से कम नुकसान होने के चलते किसानों को क्लेम नहीं मिल सकेगा।
कानपुर देहात में अधिसूचित फसलों पर टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी ने केसीसी के जरिये 62261 किसानों का बीमा किया है। बीमा कंपनी में 23 करोड़ 91 लाख 7266 रुपये कुल प्रीमियम जमा किया है। फरवरी शुरूआत में मौसम का रुख बदलने से दो दिन तक तेज बारिश होती रही। इससे फूल रही चना, राई, सरसों व गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा था। बीमा कंपनी ने क्षति आंकलन शुरू किया था। ताकि सर्वे के बाद फसल बर्बादी की स्थिति पाये जाने पर किसानों को फौरी क्लेम दिया जा सके। बीमा कंपनी ने सभी दस ब्लाकों की 156 ग्राम पंचायतों में रैंडम सर्वे किया है, जिसमे जिले भर में 20 फीसदी फसलें प्रभावित होने के साथ ही अधिकतम 15 फीसद चना, सरसों व गेहूं को नुकसान पहुंचने का आंकलन किया गया है।
बता दें कि आंकड़ों के मुताबिक सबसे अधिक अमरौधा ब्लाक में 15 फीसदी तथा सबसे कम झींझक व राजपुर ब्लाक में 5-5 फीसद फसल बर्बाद हुई है। बीमा कंपनी ने रिपोर्ट उपनिदेशक कृषि को भेजी है। टाटा एआईजी जिला प्रतिनिधि नीरज कुमार ने बताया कि 156 ग्राम पंचायतों में रैंडम सर्वे कराया गया है। नुकसान का सर्वे करने की इकाई ग्राम पंचायत होती है। 50 फीसद तक फसल बर्बाद होने पर क्लेम दिया जाता है। कृषि उपनिदेशक विनोद कुमार यादव ने बताया कि बीमा कंपनी ने जिले में अधिकतम 15 फीसद तक चना, मटर व गेहूं की फसल क्षति आंकलन की रिपोर्ट दी है, जिसे शासन को भेजा जाएगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो