20 वर्ष की आयु में गांधी जी प्रेरित हुए थे संदलपुर ब्लाक के पल्हनापुर गांव निवासी स्वतंत्रता सेनानी रघुराज सिंह ने आज़ादी की उस दास्तां को याद करते हुए बताया कि आज 93 वर्ष की उम्र में भी वह जोश से भर उठते हैं। कहा कि 20 वर्ष की उम्र में गांधी जी से प्रेरित होकर 1941 में आठ माह 24 दिन तक बहराइच, लखनऊ व कानपुर की जेल में रहे। बहराइच जेल में जुल्म का विरोध करने पर एक माह तक तन्हाई बैरक में रखा गया था। उन्होने वर्ष 1947 में आजादी की पूर्व संध्या के संस्मरण की याद करते हुए बताया कि रात्रि में 12 बजकर एक मिनट पर स्वतंत्र भारत की घोषणा हुई, जिसे रेडियो पर प्रसारित किया गया। आजादी का संदेश सुनते ही वह लोग खुशी से झूम उठे थे।
उस खुशी में मैं भी झूम उठा था सुबह होते ही उनके साथ कसोलर के जंगीलाल, दनियापुर के बनवारी लाल, उरसान के बाबूराम व कामता प्रसाद भारत माता की जयघोष करते हुए प्रभात फेरी पर निकले तथा तिरंगा फहराकर आजादी का जश्न मनाया। उन्होने बताया कि 15 अगस्त 1947 को पूरा देश आजादी का उत्सव मना रहा था। उत्साहित लोग सड़कों पर नाच रहे थे। हर तरफ तिरंगा लिए लोग दौड़ रहे थे। कुछ चिल्ला-चिल्ला कर कह रहे थे कि देश आजाद हो गया। मैं भीड़ के पास पहुंचा तो मुझे भी तिरंगा थमा दिया गया। मेरे परिजन भी वहां मौजूद थे। सभी के साथ मैं भी भारत माता की जय व वंदे मातरम के नारे लगाने लगाकर झूम रहा था।