scriptस्वतंत्रता के साक्षात गवाह इस सेनानी ने बताया आज़ादी का ये रहस्य, ऐसा क्या हुआ जानिये | interview witness this fighter said about freedom kanpur dehat | Patrika News

स्वतंत्रता के साक्षात गवाह इस सेनानी ने बताया आज़ादी का ये रहस्य, ऐसा क्या हुआ जानिये

locationकानपुरPublished: Aug 17, 2018 10:54:09 pm

Submitted by:

Arvind Kumar Verma

आज़ादी की घोषणा के लिये सभी बेताब थे, फिर 1947 के दौर में रेडियो पर खबर आई कि देश आज़ाद हो गया। बस खुशी से सभी नाचने गाने लगे।

freedom fighter

स्वतंत्रता के साक्षात गवाह इस सेनानी ने बताया आज़ादी का ये रहस्य, ऐसा क्या हुआ जानिये

कानपुर देहात-जवानी के दिन थे और आज़ादी की जंग कुछ मुकाम तक पहुंच गई थी। लोग आज़ाद हिंद की घोषणा सुनने को तरस रहे थे। 1947 का वर्ष था, तभी आजादी की पूर्व संध्या पर स्वतंत्र भारत की घोषणा रेडियो पर हुई। जैसे ही आजादी का संदेश सुना, सभी लोग खुशी में नाच उठे थे। चारो तरफ मंगल गीत गाने लगे। अपने वीर सपूतों को खो चुके परिवारों में जैसे जान आ गयी हो, ऐसा ही कुछ माहौल हर तरफ दिख रहा था। उन बीते दिनों का मंजर का किस्सा पल्हनापुर गांव के वृद्ध स्वतंत्रता सेनानी रघुराज सिंह ने बताया तो मन सिहर उठा। उन्होंने बताया कि आजादी का संघर्ष याद कर आज भी जोश में भर जाते हैं।
20 वर्ष की आयु में गांधी जी प्रेरित हुए थे

संदलपुर ब्लाक के पल्हनापुर गांव निवासी स्वतंत्रता सेनानी रघुराज सिंह ने आज़ादी की उस दास्तां को याद करते हुए बताया कि आज 93 वर्ष की उम्र में भी वह जोश से भर उठते हैं। कहा कि 20 वर्ष की उम्र में गांधी जी से प्रेरित होकर 1941 में आठ माह 24 दिन तक बहराइच, लखनऊ व कानपुर की जेल में रहे। बहराइच जेल में जुल्म का विरोध करने पर एक माह तक तन्हाई बैरक में रखा गया था। उन्होने वर्ष 1947 में आजादी की पूर्व संध्या के संस्मरण की याद करते हुए बताया कि रात्रि में 12 बजकर एक मिनट पर स्वतंत्र भारत की घोषणा हुई, जिसे रेडियो पर प्रसारित किया गया। आजादी का संदेश सुनते ही वह लोग खुशी से झूम उठे थे।
उस खुशी में मैं भी झूम उठा था

सुबह होते ही उनके साथ कसोलर के जंगीलाल, दनियापुर के बनवारी लाल, उरसान के बाबूराम व कामता प्रसाद भारत माता की जयघोष करते हुए प्रभात फेरी पर निकले तथा तिरंगा फहराकर आजादी का जश्न मनाया। उन्होने बताया कि 15 अगस्त 1947 को पूरा देश आजादी का उत्सव मना रहा था। उत्साहित लोग सड़कों पर नाच रहे थे। हर तरफ तिरंगा लिए लोग दौड़ रहे थे। कुछ चिल्ला-चिल्ला कर कह रहे थे कि देश आजाद हो गया। मैं भीड़ के पास पहुंचा तो मुझे भी तिरंगा थमा दिया गया। मेरे परिजन भी वहां मौजूद थे। सभी के साथ मैं भी भारत माता की जय व वंदे मातरम के नारे लगाने लगाकर झूम रहा था।

ट्रेंडिंग वीडियो