जहर खाकर दी थी जान
सुरेन्द्र दास ने बीते 5 सितम्बर की सुबह सरकारी आवास पर जहरीला पदार्थ खाया था।जब उनकी तबियत बिगड़ी तो उनके पत्नी डॉक्टर रवीना सिंह ने उन्हें अस्पताल में एडमिट कराया था। चार दिन तक उनका इलाज हुआ, लेकिन जहर की मात्रा अधिक होने के कारण डॉक्टर्स आईपीएस सुरेंद्र दास को बचा नहीं पाए और 9 सितम्बर को उन्होंने आखरी सांस ली। उनके पार्थिक शरीर का दाहसंस्कार लखनऊ में किया गया। भाई नरेंद्र ने आईपीएस सुरेंद्र दास के सुसाइड का जिम्मेदार उनकी पत्नी डॉक्टर रवीना को बता पुलिस को तहरीर देकर एफआईआर की मांग की थी। इसी बीच आईपीएस के ससुर डॉक्टर राजेंद्र सिंह ने डीजीपी को पत्र लिखकर दमाद की मौत का जिम्मेदार उनकी मां, भाई और बहन नेहा को बताया था।
एसपी सुमन को सौंपी गई जान
एडीजी अविनाश सिंह ने सुसाइड केस की जांच दिवंगत आईपीएस सुरेंद्र दास के बैचमेट साथी एसपी संजीव सुमन को सौंपी थी। एसपी सुमन ने दोनों परिवार के सदस्यों को बुलाकर पूछताछ की। साथ ही जहां-जहां वो तैनात रहे, वहां-वहां जाकर जांच पड़ताल की। एक माह तक चली जांच के बाद एसपी सुमन ने आईपीएस के परिजनों के अलावा ससुरालपक्ष को क्लीन चिट देकर एक रिपोर्ट अलाधिकारियों को सौंप दी। पुलिस से राहत मिलते ही दोनों परिवार आईपीएस की संपत्ति को लेकर एक बार फिर आमने-सामने आ गए। नरेंद्र अपने भाई के सरकारी आवास आकर गृहस्थी का समान ले जाने लगा तो पत्नी व ससुर ने ऐतराज जताया।
फिर हुआ बंटावारा
बीते मंगलवार को पुलिस की मौजूदगी में सुरेन्द्र दास के परिजनों और ससुराल पक्ष में गृहस्थी का सामान आधा-आधा बांट दिया गया। उनके कपड़े, फोटो फ्रेम में लगी तस्वीरें और उनके द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली सामान मां को दे दिए गए। बैंक-बैलेंस के साथ अन्य प्रार्पटी को भी दोनों परिवारों ने आपस में बांट लिया। दिवंगत आईपीएस की पत्नी उनके साथ गुजारे समय की फोटो और एक डायरी अपने साथ ले गई। इस दौरान डॉक्टर रवीना रो पड़ीं। जबकि भाई और उनकी मां कुछ देर रूकने के बाद यहां से लखनऊ के लिए निकल गए। डॉक्टर रवीना के अब वो इस दुनिया में नहीं रहे। उनकी यादें ही मेरे पास बची हैं, जिनके सहारे आगे की जिंदगी जीने की कोशिश करूंगी।
शायद पर टिकी है अभी आस
आईपीएस सुरेन्द्र दास के सरकारी आवास से पुलिस को पैनड्राइव, दो सीडी और दो टूटे हुए मोबाइल भी बरामद हुए थे। पुलिस ने सुरेन्द्र दास के मोबाइल का डेटा रिकवर करने के प्रयास में जुटी है, वहीं सीडी और पैनड्राइव को भी फारेंसिक लैब आगरा जांच के लिए भेजा गया है। जांच कर रहे सुरेन्द्र दास के क्लासमेट संजीव सुमन को भी उम्मीद है कि शायद मोबाइल या फिर पैनड्राइव और सीडी में कोई सुराग मिल जाये.। फिलहाल आईपीएस के परिजन व ससुरालवाले अब जांच व आरोप-प्रत्यारोप लगाने के बजाए अपने-अपने घर चले गए हैं। वहीं सुसाइड केस के कारण की गुत्थी अभी भी उलझी हुई है।