नवंबर २०१६ में सर्विस टैक्स पर लगी थी रोक
नोटबंदी के बाद डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए आईआरसीटीसी ने नवंबर 2016 में ई-टिकट पर लगने वाला सर्विस टैक्स वापस ले लिया गया था। कहा गया था कि इससे ई-टिकट को बढ़ावा मिलेगा। इससे यात्रियों को काफी राहत मिली और लोगों में ई-टिकट का चलन भी बढ़ा था। रेलवे अफसरों के मुताबिक इस वक्त रोज जारी होने कुल रिजर्वेशन टिकट में ई-टिकट की हिस्सेदारी लगभग 55 से 60 फीसदी है। वर्ष 2016 में ई-टिकट रोजाना कुल जारी होने वाले टिकट का 35 से 40 फीसदी था। रेलवे के रिकॉर्ड के मुताबिक देश भर में करीब 11 से 12 लाख रिजर्वेशन टिकट रोज जारी होते हैं।
नोटबंदी के बाद डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए आईआरसीटीसी ने नवंबर 2016 में ई-टिकट पर लगने वाला सर्विस टैक्स वापस ले लिया गया था। कहा गया था कि इससे ई-टिकट को बढ़ावा मिलेगा। इससे यात्रियों को काफी राहत मिली और लोगों में ई-टिकट का चलन भी बढ़ा था। रेलवे अफसरों के मुताबिक इस वक्त रोज जारी होने कुल रिजर्वेशन टिकट में ई-टिकट की हिस्सेदारी लगभग 55 से 60 फीसदी है। वर्ष 2016 में ई-टिकट रोजाना कुल जारी होने वाले टिकट का 35 से 40 फीसदी था। रेलवे के रिकॉर्ड के मुताबिक देश भर में करीब 11 से 12 लाख रिजर्वेशन टिकट रोज जारी होते हैं।
सितंबर के पहले सप्ताह से लागू
आईआरसीटीसी ने ई-टिकट के अधिकृत एजेंटों को सर्विस टैक्स के बारे में सूचित कर दिया है। बताया गया है कि सर्विस टैक्स सितंबर से प्रभावी हो सकता है। आईआरसीटीसी एजेंट असलम दरगाही ने बताया कि सर्विस टैक्स फिर से लगाने की सूचना आ चुकी है। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि सर्विस टैक्स की दरें किस दिन से प्रभावी होंगी। मौखिक बताया गया है कि सितंबर के पहले सप्ताह से ई-टिकट पर सर्विस टैक्स देना पड़ सकता है।
आईआरसीटीसी ने ई-टिकट के अधिकृत एजेंटों को सर्विस टैक्स के बारे में सूचित कर दिया है। बताया गया है कि सर्विस टैक्स सितंबर से प्रभावी हो सकता है। आईआरसीटीसी एजेंट असलम दरगाही ने बताया कि सर्विस टैक्स फिर से लगाने की सूचना आ चुकी है। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि सर्विस टैक्स की दरें किस दिन से प्रभावी होंगी। मौखिक बताया गया है कि सितंबर के पहले सप्ताह से ई-टिकट पर सर्विस टैक्स देना पड़ सकता है।