चौंकाने वाले नतीजे
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) के बायोसाइंस एंड बॉयोटेक्नोलॉजी (बीएसबीटी) विभाग के शोध में बताया गया है कि प्रदूषित पानी से तैयार गेहूं में 45 फीसदी तक प्रोटीन की मात्रा कम पाई गई। वहीं शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले एंजाइम की मात्रा दोगुनी मिली। सीएसजेएमयू के बीएसबीटी विभाग के निदेशक डॉ. शाश्वत कटियार और उनकी टीम ने प्रदूषित पानी पर शोध किया है। डॉ. कटियार ने बताया कि पानी में प्रदूषण बढऩे या प्रदूषित पानी के सेवन से नुकसान पर तो शोध हुए हैं लेकिन किसी ने यह जानने की कोशिश नहीं की अगर इसी पानी से फसलों की सिंचाई होती रहे तो क्या असर पड़ेगा। उनकी टीम ने इसी की पड़ताल की।
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) के बायोसाइंस एंड बॉयोटेक्नोलॉजी (बीएसबीटी) विभाग के शोध में बताया गया है कि प्रदूषित पानी से तैयार गेहूं में 45 फीसदी तक प्रोटीन की मात्रा कम पाई गई। वहीं शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले एंजाइम की मात्रा दोगुनी मिली। सीएसजेएमयू के बीएसबीटी विभाग के निदेशक डॉ. शाश्वत कटियार और उनकी टीम ने प्रदूषित पानी पर शोध किया है। डॉ. कटियार ने बताया कि पानी में प्रदूषण बढऩे या प्रदूषित पानी के सेवन से नुकसान पर तो शोध हुए हैं लेकिन किसी ने यह जानने की कोशिश नहीं की अगर इसी पानी से फसलों की सिंचाई होती रहे तो क्या असर पड़ेगा। उनकी टीम ने इसी की पड़ताल की।
पानी जितना प्रदूषित, फसल उतनी जहरीली
रिसर्च के दौरान फरवरी-मार्च में अपनी लैब में अलग-अलग छह बाउल में गेहूं की फसल तैयार की गई। इसकी सिंचाई इन्होंने क्रमश: सामान्य पानी, 10 फीसदी प्रदूषित पानी, 20 फीसदी, 40 फीसदी, 60 फीसदी और 80 फीसदी प्रदूषित पानी मिलाकर की। दूषित पानी जाजमऊ, वाजिदपुर और मोतीपुर से लाया गया था। इन इलाकों का पानी सबसे ज्यादा प्रदूषित है। इस पानी में टेनरी का पानी आकर मिलता है।
रिसर्च के दौरान फरवरी-मार्च में अपनी लैब में अलग-अलग छह बाउल में गेहूं की फसल तैयार की गई। इसकी सिंचाई इन्होंने क्रमश: सामान्य पानी, 10 फीसदी प्रदूषित पानी, 20 फीसदी, 40 फीसदी, 60 फीसदी और 80 फीसदी प्रदूषित पानी मिलाकर की। दूषित पानी जाजमऊ, वाजिदपुर और मोतीपुर से लाया गया था। इन इलाकों का पानी सबसे ज्यादा प्रदूषित है। इस पानी में टेनरी का पानी आकर मिलता है।
प्रोटीन से दोगुना जहर
दूषित पानी से सिंचाई के बाद जब प्रैक्टिकल के लिए गेहूं की बालियां तैयार हुईं तो उसका एनालिसिस किया गया। एनालिसिस की रिपोर्ट चौंकाने वाले निकली। प्रदूषित पानी में प्रोटीन की मात्रा 45 फीसदी कम मिली। जबकि जहरीले एंजाइम की मात्रा दोगुनी मिली। जाजमऊ के पानी से तैयार गेहूं की बालियों में एंजाइम 5.5 से 8.9 निकला। इसी तरह, वाजिदपुर में 5 से 8.2 और मोतीपुर में 4.8 से 8.1 निकला। उन्होंने बताया कि इस एनालिसिस रिपोर्ट को हेल्थ मंत्रालय को भी भेजा जाएगा। जिससे कि इसका अंदाजा लग सके कि प्रदूषित पानी कितना अधिक नुकसानदेय हो सकता है।
दूषित पानी से सिंचाई के बाद जब प्रैक्टिकल के लिए गेहूं की बालियां तैयार हुईं तो उसका एनालिसिस किया गया। एनालिसिस की रिपोर्ट चौंकाने वाले निकली। प्रदूषित पानी में प्रोटीन की मात्रा 45 फीसदी कम मिली। जबकि जहरीले एंजाइम की मात्रा दोगुनी मिली। जाजमऊ के पानी से तैयार गेहूं की बालियों में एंजाइम 5.5 से 8.9 निकला। इसी तरह, वाजिदपुर में 5 से 8.2 और मोतीपुर में 4.8 से 8.1 निकला। उन्होंने बताया कि इस एनालिसिस रिपोर्ट को हेल्थ मंत्रालय को भी भेजा जाएगा। जिससे कि इसका अंदाजा लग सके कि प्रदूषित पानी कितना अधिक नुकसानदेय हो सकता है।