दरअसल पूरा मामला गजनेर थाना के पामा चौकी का है, जहाँ 57 वर्षीय सिपाही नरेश चन्द्र यादव लगभग डेढ़ साल से यहां तैनात थे। नरेश चन्द्र यादव मूल रूप से इटावा जनपद के रहने रहने वाले थे। मिली जानकारी के मुताबिक नरेश अपने साथी सिपाही वेद प्रकाश तिवारी के साथ ड्यूटी के दौरान गस्त के लिए निकले थे और चौकी से महज कुछ ही दूरी पर निवेदिता फिलिंग सेंटर पर बैठ गये। इस बीच वे पेट्रोल पम्प मालिक से बात करने लगे। बात करने के दौरान वे थोड़ी देर बाद उठे और लघुशंका की बात कहकर थोड़ी दूर चले गए। तभी अचानक गोली की जोरदार आवाज हुई। गोली चलने की आवाज़ सुनकर पेट्रोल पम्प मालिक एवं साथी अचानक दौड़े तो देखा कि राइफल नीचे गिरी पड़ी है और सिपाही के बाई तरफ सीने में गोली लगी है।
तत्काल लोगों ने सिपाही को पहले जिला अस्पताल भर्ती कराते हुए आला अधिकारियों को घटना की सूचना दी। इसके बाद निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां हालत बिगड़ने के कारण कानपुर रिजेंसी ले गए। जहाँ डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। वहीं घटना स्थल पर पहुँचे पुलिस कप्तान राधेश्याम राइफल लेकर वारदात की छानबीन कर रहे हैं। विभागीय अफसर खुद नही समझ नही पा रहे हैं कि गोली आखिरकार चली तो सीने में कैसे लगी। क्योंकि राइफल इतनी लंबी होती है। वही मृतक सिपाही के परिजनों का कहना है कि उन्होंने खुद को गोली नही मारी है बल्कि उन्हें गोली मारी गयी है। जब कि पुलिस घटना को आत्महत्या मान रही है।