पर सारे दावे निकले झूठें
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य Deputy CM Keshav Prasad Maurya ने जलभराव को लेकर अलाधिकारियों के साथ बैठक की। जहां उन्हें बताया कि इस साल शहर में जलभराव नहीं होगा। पहले से सारे नाले-नालियों की साफ-सफाई कर ली गई है। लेकिन रविवार को हुई बारिश ने अलाधिकारियों के दावों की पोल खोल कर रख दी। नगर निगम और जलकल की टीमें नहीं दिखीं। मेयर को फोन लगाया गया तो उनके पीआरओ ने कहा मैडम बिजी हैं। नगर आयुक्त से बात करने की कोशिश की गई तो वहां से जवाब मिला, साहब फील्ड पर हैं। इनसब के बीव आमशहरी अधिकारियों और प्रदेश सरकार को कोसते नजर आए।
नालों की नहीं हुई सफाई
बतादें 25 जून को हुई जरा सी बारिश ने शहर को जलमग्न कर दिया था। नालों में पांच करोड़ रुपये तक खर्च किए जाने के बाद भी नाले साफ नहीं हुए हैं। जिलाधिकारी द्वारा 27 अफसरों द्वारा कराई गयी नाला सफाई की जांच में अफसरों को झूठ खुल गया। इसके बाद भी सुधार नहीं हुआ है। डीएम विजय विश्वास पन्त हेलमेट को लेकर चेकिंग अभियान चलाए हुए थे तो वहीं बारिश से जनता कराह रही थी। शास्त्री नगर निवासी सौरभ श्रीवास्तव कहते हैं कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य कानपुर के प्रभारी मंत्री हैं, बावजूद आमजनता जलभराव की समस्या से जूझ रही है। डिप्टी सीएम को जमीन पर उतर कर कार्य नहीं करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करनी चाहिए।
वाहन चालकों को आया पसीना
बारिश के चलते उस्मानपुर में दो फीट तक पानी भर गया। यही हाल साकेत नगर, ई, एम, एचटू, एच व वन ब्लाक किदवईनगर, यशोदानगर, जरौली, चावला मार्केट, सैनिक नगर, दामोदर नगर, गोपाल नगर समेत कई इलाकों का था। मोतीझील और जलकल मुख्यालय बेनाझाबर के बाहर गली पिट और नाली चोक होने के चलते जलभराव हो गया। श्यामनगर, गांधीग्राम, सनिगवां समेत कई जगह खोदी सड़कें खतरनाक हो गयी। वहीं कई जगह फैली सिल्ट सड़क में फैल गयी और कीचड में बदल गयी इसके चलते वाहनों को निकलने के लिए जूझना पड़ा।
नालियां उफनाई
बारिश से कई सड़कें जलमग्न हो गई। मोहल्लों और कालोनियों की नालियां उफना गईं और गंदा पानी सड़कों पर भर गया। नगर निगम प्रशासन भले ही नालों की सफाई और पानी की निकासी के बेहतर प्रबंध के दावे करता हो, लेकिन बारिश ने इस प्रबंध की सच्चाई सामने ला दी। बारिश के कारण गलियों के साथ-साथ कुछ मुख्य सड़कों पर भी पानी भर गया। रोड पर जलजमाव के कारण सबसे अधिक परेशानी पैदल गुजरने वाले और दोपहिया वाहन चालकों को हुई। वहीं कई जगहों पर जलभराव इतना अधिक हो गया कि सड़क के किनारें खड़ी लोगों की गाड़ियां तक डूब गई।
कुर्सी मिलते ही भूलीं मेयर
सबसे ज्यादा समस्या साउथ के इलाकों में हैं। यहां पर पिछले दो सालों से सड़कों का निर्माण नहीं कराया गया। पक्की नालियां नहीं होने के चलते पानी घरों में घुस रहा है। बसंत बिहार निवासी राजन चौहान कहते हैं कि मेयर प्रमिला पांडेय Mayor Pramila Pandey जब भाजपा की आम कार्यकर्ता थी, जब ऐसी समस्या आने पर स्कूटी लेकर मोहल्लों में आ जाया करती थीं। विपक्षी सरकार के खिलाफ धरने पर बैठती थीं। लेकिन मेयर की कुर्सी पर बैठते ही वो भी सिस्टम का शिकार हो गई। राजन कहते हैं कि जब से प्रमिला पांडेय मेयर चुनी गई तब से शहर बदहाल हो गया। पेयजल, गंदगी और अन्य समस्याओं से आमशहरी हरदिन जद्दोजहद करता है।
10 जुलाई तक होती रहेगी बारिश
सीएसए के मौसम वैज्ञानिकों पूर्वानुमान जताते हुए बताया कि 10 जुलाई तक अब बारिश की संभावना है। सीएसए के मौसम वैज्ञानिक डॉ.नौशाद खान ने बताया कि आगामी दिनों में बारिश से मौसम खुशनुमा हो जाएगा। उन्होंने बताया कि रविवार को लगभग 42 मिमी. बारिश रिकॉर्ड की गई। सीएसए के मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि 10 जुलाई को 120 मिमी. बारिश होने की प्रबल संभावना है। वैसे तो छह जुलाई को 11 मिमी., सात को 35 मिमी., आठ को 50 मिमी., नौ को 65 मिमी. बारिश होनी है, लेकिन 10 जुलाई को सबसे ज्यादा बारिश होगी।