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आटा चक्की चलाने वाले की बेटी ने पाया नया मुकाम, इसरो से आया बुलावा

locationकानपुरPublished: Mar 12, 2020 12:49:41 pm

विज्ञान के कार्यक्रमों में खासी रुचि, इसरो के यंग साइंटिस्ट प्रोग्राम में हुआ चयनमानक इंस्पायर अवार्ड, विज्ञान मंथन और एनएसएफ में भी हो चुकी है चयनित

आटा चक्की चलाने वाले की बेटी ने पाया नया मुकाम, इसरो से आया बुलावा

आटा चक्की चलाने वाले की बेटी ने पाया नया मुकाम, इसरो से आया बुलावा

कानपुर। प्रतिभा और कुछ कर दिखाने का हौसला हो तो कोई मुश्किल मंजिल की राह में बाधा नहीं बनती। ऐसे लोग ही मिसाल बनते हैं और ऐसी ही मिसाल कायम की है कक्षा नौ की छात्रा आरुषि पाल ने। जवाहर नवोदय विद्यालय, सरसौल में पढ़ती है और अब उसका चयन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) के यंग साइंटिस्ट प्रोग्राम (युविका) में हुआ है। इसरो में वह एक नए अनुभव की राह पर आगे बढ़ेगी। उसका चयन होने पर उसके पिता सहित शिक्षक भी खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।
युविका में हुआ चयन
आरुषि की मां का वर्ष 2019 में निधन हो गया था। उसके पिता ने छोटी सी चक्की चलाकर आरुषि को इस मुकाम तक पहुंचाया। इसरो के युविका कार्यक्रम में देशभर से 368 बच्चों की पहली लिस्ट जारी की गई है। इसमें से 113 बच्चों का शैक्षिक प्रमाणपत्रों के सत्यापन के बाद अंतिम रूप से चयन होना है। जिन बच्चों का चयन होगा वह 11 से 22 मई तक इसरो में रहकर यहां के शीर्ष वैज्ञानिकों से मिलेंगे। व्याख्यान में भाग लेंगे। लैब देखेंगे। स्वयं भी कुछ करके दिखाएंगे।
स्कूल में रही टॉपर
आरुषि जवाहर नवोदय विद्यालय में कक्षा छह से पढ़ रही है। आठवीं में उसे 96 फीसदी अंक मिले थे और वह टॉपर थी। इसरो की इस सूची में नाम आने से पहले वह मानक इंस्पायर अवार्ड, विज्ञान मंथन और एनएसएफ में भी चयनित हो चुकी है। आरुषि कहती है कि वह वैज्ञानिक बनेगी और फिर आईएएस। यह उसका सपना है। जितने भी वैज्ञानिक आयोजन होते हैं, उसमें वह जरूर भाग लेती है। अपने सपने को पूरा करने के लिए हर प्रयास करेगी।
हर क्षेत्र में रही आगे
आरुषि की माता देवकी पाल के निधन के बाद पिता राजकुमार पाल और छोटी बहन आयुषी है जो कक्षा चार में पढ़ रही है। पिता जी की एक छोटी सी चक्की है। पिता जी हमेशा हमें पढऩे के लिए प्रोत्साहित करते रहते हैं। विद्यालय के प्रधानाचार्य एसके मिश्रा बताते हैं कि आरुषि केवल विज्ञान के क्षेत्र में ही नहीं बल्कि खेलों में भी सबसे आगे रहती है। उसने रोप स्किपिंग में नेशनल जीता। ताइक्वांडो की संकुल चैंपियन है। स्काउट, जीके, कल्चरल इवेंट्स में भी उसे खूब मेडल मिलते हैं।
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