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देश में पहली बार समुद्र के नीचे से जाएगी रेलवे लाइन

locationकानपुरPublished: Feb 20, 2017 08:38:00 pm

Submitted by:

Kamlesh Sharma

मुंबई और अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन चलाने के पीएम मोदी के सपने का एक महत्वपूर्ण चरण शुरू हो गया है। समुद्र के भीतर सुरंग बनाने के लिए मिट्टी की जांच का काम शुरू हो गया है।

Mumbai-Ahmedabad rail

Mumbai-Ahmedabad rail

मुंबई और अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन चलाने के पीएम मोदी के सपने का एक महत्वपूर्ण चरण शुरू हो गया है। समुद्र के भीतर सुरंग बनाने के लिए मिट्टी की जांच का काम शुरू हो गया है। इस प्रोजेक्ट का अधिकांश हिस्सा एलीवेटेड यानी जमीन के ऊपर खंभों पर ही होगा, लेकिन ठाणे से विरार के बीच का 21 किलोमीटर हिस्सा सुरंग से गुजरेगा। 
इसमें भी सात किलोमीटर का हिस्सा समुद्र के नीचे से होकर जाएगा। यहां समुद्र की गहराई तकरीबन 70 मीटर है। समुद्र के तल से 30 मीटर नीचे यानी यह लाइन तकरीबन 100 मीटर नीचे से होकर गुजरेगी। भारत में यह पहला मौका होगा, जब कोई रेलवे लाइन समुद्र की सतह के नीचे से होकर जाएगी। इस क्षेत्र में जमीन अधिग्रहण की अड़चनों के मद्देनजर महसूस की गई। यह क्षेत्र काफी हरा-भरा है और जमीन के ऊपर से लाइन ले जाने से पर्यावरण को नुकसान होने का अंदेशा था। इसलिए ठाणे और विरार के बीच सुरंग बनाने की जरूरत है। 
2023 में बुलेट ट्रेन की उम्मीद

मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन या हाईस्पीड परियोजना 508 किलोमीटर लंबी है। 350 किलोमीटर की अधिकतम तथा 320 किलोमीटर की औसत रफ्तार के हिसाब से इस दूरी को कवर करने में बुलेट ट्रेन को तकरीबन दो घंटे लगेंगे। परियोजना पर 97,636 करोड़ रुपये की लागत आंकी गई है।
 इसमें से 81 प्रतिशत राशि जापान सरकार के 0.1 फीसद ब्याज वाले कर्ज के रूप में दे रही है। इस साल के अंत में जब जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे भारत दौरे पर आएंगे, तब बुलेट ट्रेन के काम का भूमि पूजन होने की उम्मीद है। इसके बाद 2018 के अंत तक वास्तविक निर्माण कार्य शुरू होने और 2023 के अंत तक बुलेट ट्रेन शुरू होने की उम्मीद है।
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