दरअसल पुलिस ने जय बाजपेई के सहित उसके तीनों भाइयों अजयकांत, रजयकांत एवं शोभित व अन्य कई बदमाशों के नाम विकास दुबे के पुराने गैंग (D-124) में सम्मिलित किया है। जिसको लेकर जय की पत्नी श्वेता ने अपनी जेठानी ऊषा और प्रभा बाजपेयी के साथ एसएसपी दफ्तर पहुंचकर पुलिस से गुहार लगाई। श्वेता ने आरोप लगाते हुए कहा कि अधिवक्ता सौरभ उनके पति जय समेत तीनो भाइयों के खिलाफ साजिश करके फंसा रहे हैं। जबकि उस अधिवक्ता के खिलाफ पुलिस में मुकदमे दर्ज है, लेकिन उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस पर पुलिस क्षेत्राधिकारी वीके पांडेय ने बताया कि बिकरू कांड को लेकर स्थानीय पुलिस के अतिरिक्त ईडी, एसआइटी आदि एजेंसियां जांच कर रही हैं। मामला बड़े स्तर पर है, इसलिए उच्चाधिकारियों के समक्ष प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया जाएगा।
वहीं श्वेता ने मीडिया को बताया कि जय व भाइयों पर लगे आरोप निराधार हैं। विकास दुबे से संबंध में उनके ऊपर कोई मुकदमा नहीं है। उन्होंने यहां तक कहा कि अगर जांच में बिकरू घटना में हमारे परिवार के किसी भी सदस्य की संलिप्तता पाई जाती है तो हम सजा भुगतने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि उनके पति निर्दोष हैं, इसके लिए उन्होंने सुबूत जुटा लिए हैं। इसे कोर्ट, जांच एजेंसियों और मीडिया के सामने जल्द ही प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने अधिवक्ता से भी बेवजह परेशान न करने की अपील की है। वहीं अधिवक्ता सौरभ ने बताया कि बार-बार उन पर आरोप लगाया जा रहा है। इसलिए उन्होंने जय बाजपेयी की पत्नी को मानहानि का नोटिस दिया है। अब यह अदालत में साबित होगा कि कौन सही और कौन गलत है।