सूत्रों के मुताबिक जिस दौरान रेल कर्मचारी नॉन इंटरलॉकिंग का काम करेंगे, उस दिन ब्लॉक सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक ही लिया जाएगा. हालांकि डबल ट्रैक होने के बाद पैसेंजर्स को ही इसका सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा.
रेलवे सूत्रों के मुताबिक मेगा ब्लॉक के दौरान झांसी से कानपुर के बीच चलने वाली कुछ पैसेंजर ट्रेनों को एक माह के लिए कैंसिल कर दिया जाएगा. इस वजह से इस रूट में चलने वाले लगभग 10 हजार दैनिक यात्रियों को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक झांसी से परीक्षा स्टेशन 22 किमी तक डबल ट्रैक शुरू हो जाने के बाद यात्रियों को काफी राहत मिलेगी.
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक झांसी से परीक्षा स्टेशन तक इंटरलॉकिंग का काम किए जाने के दौरान लिए जाने वाले मेगा ब्लॉक के समय पर लंबी दूरी की ट्रेनों को कैंसिल करने के बजाए डायवर्ट कर दिया जाएगा. सोर्सेस के मुताबिक डीजल इंजन वाली पैसेंजर ट्रेनों को झांसी से भिंड व इटावा के रास्ते कानपुर लाया जाएगा. वहीं इलेक्ट्रिक इंजन वाली पैसेंजर ट्रेनों को झांसी से आगरा, टूंडला, इटावा होते हुए कानपुर लाया जाएगा.
रेलवे सोर्सेस के मुताबिक झांसी से कानपुर भीमसेन स्टेशन तक 206 किमी तक डबल ट्रैक बिछाने की योजना को 2013 में तत्कालीन रेलमंत्री मल्लिकाअर्जुन ने रेल बजट में पास किया था. यह काम तीन भागों में बांट कर विभिन्न कंपनियों को टेंडर दिया गया था. कुछ दिनों के बाद कंपनी काम छोड़ कर भाग गई. जिसमें रेलवे ने एक कंपनी पर 60 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था. डबल ट्रैक बिछाने वाली कंपनी के भाग जाने की वजह से यह काम दो साल पिछड़ गया. रेल ने इस काम के लिए 36 माह निर्धारित किए थे.
एक सप्ताह पूर्व कानपुर सेंट्रल स्टेशन का निरीक्षण करने आए एनसीआर जोन के जीएम एमसी चौहान ने 15 अगस्त से कानपुर-झांसी रूट में बिछाए जा रहे डबल ट्रैक को झांसी से पारीक्षा स्टेशन लगभग 22 किमी का डबल ट्रैक प्रथम चरण में शुरू करने की बात कही थी. इससे संभावना जताई जा रही हैं कि नॉन इंटरलॉकिंग के लिए इससे पहले ही मेगा ब्लॉक लिया जाएगा.