scriptकिशोरी के शरीर पर इतने जख्म कि गिनना हो गया मुश्किल | Kakadev's Navinagar, the case of teenager from teenager | Patrika News

किशोरी के शरीर पर इतने जख्म कि गिनना हो गया मुश्किल

locationकानपुरPublished: May 22, 2019 11:55:56 am

मेडिकल जांच के दौरान डॉक्टर भी रह गए हैरान,दरिंदगी की ऐसी तस्वीर पहले कभी नहीं देखी

girl hostage in kanpur

किशोरी के शरीर पर इतने जख्म कि गिनना हो गया मुश्किल

कानपुर। काकादेव के नवीननगर में बंधक बनाकर रखी गई किशोरी के शरीर पर इतने जख्म थे कि उन्हें गिनने में भी डॉक्टरों को मुश्किल हुई। शरीर के जख्म दरिंदगी की गवाही खुद दे रहे थे। मेडिकल परीक्षण के दौरान डॉक्टरों को सात चरणों में अलग-अलग जख्म गिनने पड़े।
..तो पन्ने भी कम पड़ जाते
मेडिकल परीक्षण करने वाले डॉक्टरों का कहना था कि अगर मेडिकल रिपोर्ट में शरीर के जख्मों को शब्दों में लिखा जाता तो शायद पन्ने भी कम पड़ जाते। किशोरी के शरीर का कोई ऐसा हिस्सा बाकी नहीं बचा था जिस पर जलने या पिटाई के जख्म न हों। किशोरी के नाजुक अंगों को भी बार-बार गर्म चिमटे से जलाया गया था।
बड़ी बात है कि जिंदा बच गई
मेडिकल रिपोर्ट तैयार करने वाले डॉक्टर बोले ऐसा केस पहले नहीं देखा। बच्ची को जो यातनाएं दी गई हैं, उन्हें बर्दाश्त कर जिंदा रह पाना मुश्किल है। यह बड़ी बात है कि वह जिंदा बच गई, वरना उसे यातना देने वालों ने मौत देने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
रिपोर्ट पढ़कर खाकी वाले भी सहमे
जब मेडिकल जांच की रिपोर्ट कार्रवाई के लिए थाने पहुंची तो उसे पढ़कर थानेदार भी सहम गए। रिपोर्ट में एक महीने पुराने जख्म भी मिले। सात गंभीर चोटें हैं जिनका अभी एक्सरे किया जाना बाकी है। पूरे शरीर में सूजन मिली और दीवार में चेहरा रगड़े जाने की वजह से होठों और दोनो गाल के साथ सिर में भी गंभीर चोटें हैं।
आने-जाने वाले भी पीटते थे
किशोरी ने बताया कि साधना के अलाव उसके दो बेटे भी उसे पीटते थे। इसके अलावा आने जाने वाले और रिश्तेदार भी उसके साथ गंदा काम करते थे और विरोध करने पर पीटा जाता था। किशोरी के मुताबिक उसके साथ बार-बार गंदा काम हुआ। पुलिस के मुताबिक अधिक समय बीत जाने के चलते स्लाइड में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं होती है, पर उसके अंगों की हालत देखकर इस बात की आशंका ज्यादा है।
बढ़ाई गईं धाराएं
आरोपी महिला साधना दीक्षित पर कानूनी शिकंजा और कसा जाएगा। एडीजी की सख्ती के बाद पुलिस ने मुकदमे में और धाराएं बढ़ा दी है। एडीजी ने सख्ती से पूछा था कि आखिर इतनी निर्दयी महिला के साथ नरमी क्यों बरती जा रही है। इस मामले में संबंधित चौकी इंचार्ज की भी भूमिका जांची जा रही है।
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