कानपुर

कमलेश तिवारी के हत्यारों को पिस्टल मुहैया करवाने वाला शातिर एसीएस के हत्थे लगा

यूपी और गुजरात एटीएस ने ज्वाइंट आपरेशन के जरिए घंटाघर से युसुफ को किया गिरफ्तार, आरोपी ने उगले कई राज।

कानपुरNov 02, 2019 / 01:47 am

Vinod Nigam

कमलेश तिवारी के हत्यारों को पिस्टल मुहैया करवाने वाला शातिर एसीएस के हत्थे लगा

कानपुर। चर्चित कमलेश तिवारी हत्याकांड में यूपी और गुजरात एटीएस को एक और बड़ी कामयाबी हाथ लगी। दोनों राज्यों की टीमों ने कानपुर के घंटाघर इलाके में एक घर पर छापा माकर युसुफ नाम के एक युवक को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि युसुफ ने हत्याकांड को अंजाम देने वाले युवकों को पिस्टल मुहैया कराई थी। पकड़ा गया आरोपी मूलरूप से फतेहपुर जिले का रहने वाला है और गुजरात के सूरत शहर में नौकरी करता था।

घंटाघर से दबोचा
यूपी और गुजरात एटीएस की टीम ने कानपुर के घंटाघर स्थित एक घर में शाम करीब 6 बजे छापा मारा। यहां से एटीएस से फतेहपुर निवासी युसूफ खान को गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान आरोपी ने जांच एजेंसियों को बताया है कि उसने सूरत में हत्यारों को पिस्टल दी थी। युसूफ खान पिछले कुछ समय से गुजरात में रह रहा था। एटीएस की टीम आरोपी को कानपुर से लेकर लखनऊ के लिए रवाना हो गई।

कमलेश की बेरहमी से हत्या
हिंदू महासभा के पूर्व नेता और हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी (50) की दो बदमाशों ने लखनऊ में बेरहमी से हत्या कर दी थी। दोनों बदमाश भगवा कपड़े पहने हुए थे और मिठाई के डिब्बे में पिस्टल व चाकू छिपाकर लाए थे। दोनों नाका स्थित खुर्शेदबाग की तंग गलियों में स्थित कमलेश के घर पहुंचे। पहली मंजिल स्थित पार्टी दफ्तर में पहले उनकी गर्दन पर गोली मारी थी। फिर चाकू से ताबड़तोड़ वार करने के बाद गला रेत दिया था। पुलिस ने मौके से .32 बोर की एक पिस्टल व एक खोखा बरामद की थी।

पहुंचे थे कानपुर
हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या के आरोपित शेख अशफाक और पठान मोइनुद्दीन उद्योगकर्मी एक्सप्रेस से ही कानपुर आए थे। वे सूरत के उधना रेलवे स्टेशन से एबी वन कोच के सेकेंड एसी के हिस्से में सीट नंबर 19 और 21 पर सवार हुए थे। एसटीएफ को रेलवे के रिजर्वेशन चार्ट से यह जानकारी मिली है। इसके साथ ही उनके साथ मोबाइल की दुकान तक गए दो अन्य लोग आम यात्री थे, जिनसे हत्यारोपितों ने मदद मांगी थी।

कानपुर में खरीदा था सिम
आरोपियों ने रेलबाजार स्थित कान्हा टेलीकॉम से मोबाइल फोन के अलावा सिम खरीदा था। एसटीएफ के अनुसार, अशफाक और मोइनुद्दीन ने कानपुर आते वक्त ट्रेन में मोबाइल खोने का ड्रामा किया। इस दौरान उसी कोच में सफर कर रहे गुजरात में नौकरी करने वाले कानपुर देहात में रूरा क्षेत्र के एक युवक और उसके दोस्त से दोस्ती गांठ ली। उनका मोबाइल लेकर कई बार बातचीत की। कानपुर पहुंचने पर नया मोबाइल खरीदवाने में मदद मांगी। यही लोग दोनों शूटरों के साथ कान्हा टेलीकॉम तक गए थे। वहां से लौटकर ये दोनों कानपुर देहात चले गए थे।

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