डीसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल और डीसीपी ईस्ट प्रमोद कुमार ने बताया कि बैंक लॉकरों से चोरी 9 दिसम्बर 2021 को की गई थी। उस वक्त सेन्ट्रल बैंक की इस शाखा के लंबे समय से उपयोग न हो रहे 29 लॉकर तोड़े जाने थे। बैंक मैनेजर राम प्रसाद, लॉकर इंचार्ज शुभम मालवीय ने इस प्रक्रिया के साथ ही लॉकर साफ करने का षड्यंत्र रचा। उन्होंने गोदरेज के लिए स्थानीय तौर पर काम करने वाली कंपनी पैन कामर्शियल के कर्मचारी चन्द्रप्रकाश को भी अपने साथ मिला लिया। निर्धारित समय पर लॉकर तोड़ने के लिए चन्द्रप्रकाश अपने भाई रमेश और साथी राकेश व करनराज को भी ले आया। पुलिस के मुताबिक उस दिन 20 लंबे समय से बंद पड़े लॉकरों के साथ इन सभी ने उपयोग हो रहे 9 अन्य लॉकर भी तोड़ डाले। इनमें रखे सोने-चांदी, हीरे के जेवरात उड़ा लिए। मामले का खुलासा 12 मार्च में तब हुआ जब लॉकर धारक मंजू भट्टाचार्य अपना लॉकर खोलने पहुंचीं। उनके सारे जेवर साफ किये जा चुके थे। उन्होंने शिकायत की तो बैंक मैनेजर राम प्रसाद ने उन्हें डपट दिया। बमुश्किल 15 मार्च पुलिस में उनकी रिपोर्ट दर्ज हुई। इसके बाद से 7 अप्रैल तक ऐसे नौ लोग सामने आए, जिनके लॉकर टूट चुके थे। सभी मामलों में करीब ढाई करोड़ के जेवर गायब हुए। मामला शासन तक पहुंचा तो पुलिस ने जांच तेज की और पुलिस ने आनन फानन शुक्रवार को खुलासा कर दिया।
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भाई और साथियों के साथ मिलकर की चोरी डीसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल ने बताया कि बैंक प्रबंधन की मदद से चोरी का षड्यंत्र रचा गया और पैन कामर्शियल कंपनी के कर्मचारी ने अपने भाई और साथियों के साथ मिलकर लाकर से जेवर गायब किए। इन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। मीडिया से बचे अफसर पुलिस ने आरोपितों को न मीडिया के सामने पेश किया न कोई बरामदगी दिखाई। पुलिस अब भी पकड़े गए लोगों को हिरासत में बता रही है, गिरफ्तारी नहीं दर्शाई गई है। वहीं, पुलिस मीडिया से ज्यादा बातचीत करने से भी बच रही है।