बिकरु गांव से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर विगत 3 जुलाई को प्रेम प्रकाश पांडे और अतुल दुबे का एनकाउंटर हुआ था। इस एनकाउंटर की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रेम प्रकाश को दो गोली और अतुल दुबे को चार गोली लगी थी। इसके साथ ही प्रेम प्रकाश के हाथ में गन शॉट रेसिड्यू मिला था। उसने देसी पिस्टल से फायर किया था। जबकि अतुल दुबे में राइफल से फायर किया था। उसके हाथों में रेसिड्यू नहीं मिला। जवाबी कार्रवाई में दोनों की मौत हुई थी।
एक अन्य एनकाउंटर 8 जुलाई को हुआ था। जिसमें अमर दुबे मारा गया था। हमीरपुर में मौदहा इनगोहटा मार्ग पर हुए एनकाउंटर में अमर दुबे के शरीर में 7 गोलियां मिली। फॉरेंसिक इंक्वायरी में बताया गया है कि अमर ने पिस्टल से पुलिस पर फायरिंग की।
9 जुलाई को हुआ था प्रभात का एनकाउंटर
इसी प्रकार का एक अन्य एनकाउंटर 9 जुलाई को पनकी के निकट ए टू जेड प्लांट के पास हुआ था। जिसमें आरोप था कि प्रभात ने पुलिस से पिस्टल छीन कर उस पर फायर किया। उसके हाथों में भी रेसिड्यू मिला है। जिससे साबित होता है कि उसने पुलिस पार्टी पर गोली चलाई। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में प्रभात मारा गया।
एक और एनकाउंटर विगत 10 जुलाई को सचेंडी के चकरपुर मंडी से लगभग 4 किलोमीटर आगे हुआ था। जिसमें बिकरु कांड का मुख्य सूत्रधार विकास दुबे का एनकाउंटर हुआ था। विकास दुबे को 3 गोलियां लगी थी। उसके हाथों में भी रेसिड्यू मिलने की पुष्टि हुई। फॉरेंसिक टीम ने कहा कि जो इस बात का प्रमाण है कि उसने भी पुलिस टीम पर गोली चलाई और जवाबी फायरिंग में विकास दुबे मारा गया। फॉरेंसिक जांच की रिपोर्ट आने के बाद बिकरु कांड के बाद हुए एनकाउंटर पर उठ रहे सवालों पर विराम लगाया गया है।