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सदन में भाजपा मेयर भूल गए वंदेमातरम गाना, मुस्लिम पार्षदों ने दिलाई याद

locationकानपुरPublished: Jan 23, 2018 09:49:49 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

विरोधी दलों के पार्षदों ने इसका विरोध कर मेयर प्रमिला पांडेय को वंदेमारत गीत की याद दिलाई और खड़े होकर राष्ट्रगीत गुनगुनाने लगे.

Kanpur Nagar Nigam

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कानपुर. भाजपा 26 जनवरी को सामूहिक वंदेमारत गीत कार्यक्रम का आयोजन ग्रीनपार्क स्टेडियम में करने जा रही है। इसके लिए करीब पचास हजार लोगों को बुलाया गया है। साथ ही पूरे सप्ताह सरकारी कार्यालयों में राष्ट्रीगीत गाने का आदेश डीएम ने दिया हुआ है। बावजूद मंगलवार को कानपुर नगर निगम की पहली बैठक के दौरान भाजपाई वंदेमातरम गीत गाने के बजाय सदन में अपने कुनबे को बढ़ाने में व्यस्त दिखे। विरोधी दलों के पार्षदों ने इसका विरोध कर मेयर प्रमिला पांडेय को वंदेमारत गीत की याद दिलाई और खड़े होकर राष्ट्रगीत गुनगुनाने लगे। फजीहत देख भाजपाई भी खड़े हो गए और जोर-जोर से वंदेमातरम गाने लगे।
कांग्रेस ने रूकवाई कार्यवाही-
कानपुर नगर निगम की आज पहली बैठक थी। जिसमें भाजपा के सभी 57 और विरोधी दलों के अन्य पार्षद सदन में मौजूद थे। इसी दौरान मेयर ने सदन की कार्यवाही शुरू कर दी, तभी कांग्रेस पार्षद जरीना खातून बीच में बोल पड़ीं। उन्होंने कहा कि पूरे परिसर में वंदेमारत गीत को लिखा गया और कार्यवाही शुरू होने से पहले गीत गाए जाने की बात कही गई, लेकिन भाजपा भूल गई। पूरी सदन में इसके चलते हंगामा होने लगा और भाजपाईयों की पोल खुलते देख भाजपा बैकफुट में आ गई और काम-काज छोड़कर राष्ट्रगीत गुनगनाने लगे।
इसके चलते राष्ट्रगीत को भूली भाजपा-
दरअसल यह चूक राजनैतिक कारणों से हुई। आज पहली बैठक में नगर निगम की एक्जीक्यूटिव कमेटी का चुनाव होना था। 12 सदस्यों वाली कमेटी में भाजपा की कोशिश तीन चौथाई सीटों पर कब्जा जमाने की थी। इसी हड़बड़ी में सदन शुरू होते ही चुनावी जोड़ तोड़ की राजनीति शुरू हो गयी और वन्देमातरम गायन की परम्परा पीछे छूट गयी। बाद में भाजपा, कांग्रेस और यहां तक कि मुस्लिम पार्षदों ने हंगामा किया तो कार्यकारिणी के चुनावी की चर्चा रोक कर राष्ट्रीय गीत गाया गया। कांग्रेस पार्षद जरीना खातन ने कहा कि अपने को देशभक्त बनाने वाली पार्टी की कलई कुल कर सामने आ गई। सदन में सत्ता के खातिर भाजपा नेता अपने कथन से पीछे हट गए। भाजपा वंदेमारम का गुणगान सिर्फ वोटबैंक के चलते करती है।
नगर अयुक्त भी भूले-
नगर निगम में कई पार्षद पहली बार जीत कर पहुंचे, इसलिये परम्पराओं के निर्वाहन की जिम्मेदारी मुख्यकार्यकारी अधिकारी की होती है। निर्वाचित सदन में यह पद नगर आयुक्त के पास होता है, लेकिन इस गलती को वे अपने शब्दों से रफू करते नजर आये। कानपुर नगर निगम की कार्यकारिणों में दबदबा बनाये रखने के लिये भाजपा के लिये ये जरूरी होगा कि वो उन बागियों पर अनुशासन का डण्डा न चलाये जो पार्षद का चुनाव जीत चुके हैं और उन्हें पार्टी उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान करने के लिये राजी कर लें। महापौर का कहना है कि बागियों को मनाने का काम पार्टी संगठन ने संभाला हुआ है, लेकिन बागियों की समस्या केवल भाजपा नहीं बल्कि कॉंग्रेस और सपा के सामने भी है।
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