कानपुर

नक्सलियों ने बीएसएफ की टुकड़ी पर किया हमला, मुठभेड़ के दौरान कानपुर का लाल शहीद

छत्तीसगढ़ में शहीद हुआ कानपुर का सपूत।

कानपुरNov 20, 2017 / 11:14 pm

Dhirendra Singh

Chhattisgarh Naxal Attack

कानपुर. छत्तीसगढ़ में रविवार को बीएसएफ की टुकटी पर नक्सलियों ने घात लगाकर हमला कर दिया। जवानों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए नक्सलियों को पीछे खदेड़ दिया, लेकिन पटालियन की आगवाई कर रहे कानपुर के पनकी क्षेत्र के गंगागंज कालोनी में रहने वाले इंस्पेक्टर शहीद हो गए। शहीद के परिजनों को जब इसकी जानकारी हुई तो घर में कोहराम मच गया। परिवार को ढ़ाढ़स बंधाने के लिए बीएसएफ के अधिकारी शहीद लाल आवास पहुंचे। पुलिस ने बताया कि शहीद का पार्थिव शरीर मंगलवार को सुबह नौ बजे लखनऊ आएगा। जिसके बाद राजकीय सम्मान के साथ पनकी में ही शहीद के शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

60 सदस्यीय टीम पर किया हमला
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में रविवार को बीएसएफ की एक 60 सदस्यीय टूकड़ी गश्त के लिए निकली, तभी घने जंगलों में पहले से घात लगाए नक्सलियों ने उन पर हमला बोल दिया। बीएसएफ के जवानों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए उन्हें खदेड़ दिया। लेकिन नक्सलियों की गोलियों की चपेट में आने से कानपुर के पनकी निवासी इंस्पेक्टर कवलजीत सिंह यादव (27)घायल हो गए। जवान उन्हें इलाज के अस्पताल लाए, जहां उनकी मौत हो गई। जानकारी पर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। जिनको ढ़ाढ़स बंधाने के लिए बीएसएफ के अधिकारी शहीद के घर पहुंच गए।

2009 में बीएसएफ ज्वाइन की थी
कानपुर के पनकी इलाके का यह लाल 2009 में बीएसएफ में शामिल हुए थे पिछले 3 साल से वो छत्तीसगढ़ के दुर्ग में तैनात थे। 2010 में कमलजीत की शादी हुई थी। कमल जीत की पत्नी नेहा व 4 साल का बच्चा छत्तीसगढ़ में ही रहते थे। पिता राम बालक यादव मां विजय लक्ष्मी , बहन सोनम व भाई ,अश्वनी कुमार कानपुर में रहते हैं। शहीद के पिता ने बताया कि हम मूलरूप से कानपुर देहात के भोगनीपुर के रहने वाले थे। बेटे की नौकरी के बाद हमने पनकी थाना क्षेत्र के गंगागंज में मकान बनवाकर परिवार सहित रहते हैं। पिता के मुताबिक दो दिन पहले उनसे बात हुई थी। उन्होंने जनवरी में परिवार समेत आने को कहा था, लेकिन अब उनका पार्थिक शरीर आ रहा है।

बीएस वर्मा भी छत्तीसगढ़ में हुए थे शहीद
कवलजीत सिंह यादव के पहले भी शहर का एक और लाल बीएस वर्मा छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के हमले में शहीद हो गये थे। ब्रजेंद्र स्वरुप वर्मा 1984 में सीआरपीएफ़ में भर्ती हुए थे। जो डिप्टी कमांडेंट पद पर तैनात थे। एक दिसम्बर 2014 को छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले (चिंता गुफा क्षेत्र) में हुए नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 14 जवान शहीद हो गए थे। इनमें कानपुर के बीएस वर्मा भी शामिल थे। उनका परिवार कानपुर के नौबस्ता इलाके के खाडेपुर कॉलोनी में रहता है।

मंगलवार को होगा अंतिम संस्कार
बीएसएफ के अफसर परमजीत सिंह ने बताया कि बीएसएफ शहीद के पार्थिव शरीर को मंगलवार सुबह लखनऊ के अमौसी एअरपोर्ट पर पहुंचेगा। जिसके बाद सड़क मार्ग द्वारा कानपुर लाया जाएगा। शहीद के आवास के पास ही राजकीय सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया जाएगा। परमजीत ने बताया कि बीएसएफ की ये टुकड़ी नक्सल प्रभावित क्षेत्र में गश्त के लिए निकली थी, तभी नक्सलियों ने हमला बोल दिया। जिसमें हमारा एक जवान शहीद हो गया। एडीएम धर्मेन्द्र सिंह ने बताया कि शहर के शहीद लाल को राजकीय सम्मान के साथ भावभीनी श्रद्धांजलि दी जाएगी। प्रशासन की तरफ से शहीद के परिजनों को हर संभव मदद दी जाएगी।

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