रविवार की सुबह कार्डियोलॉजी के लिए काला अध्याय लेकर आया। जब सुबह 8:00 बजे के लगभग संस्थान के मुख्य भवन के पीछे बने क्रिटिकल केयर यूनिट के स्टोर रूम में आग लग गई। जिससे बिल्डिंग के विभिन्न वार्डों में धुआं भरने लगा। यहां उल्लेखनीय है कि कार्डियोलॉजी की पूरी बिल्डिंग एयर कंडीशन है। शॉर्ट सर्किट से लगी आग की लपटें उठने लगी और देखते देखते संस्थान की अन्य शाखाओं को भी अपने चपेट में ले लिया। पूरी बिल्डिंग में धुआं भर गया। जिससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई। चारों तरफ चिल्लाने की आवाजें आने लगी। तीमारदार अपने मरीजों को बचाने के लिए दौड़ पड़े।
सबसे पहले संस्थान के एयर टाइट शीशों को तोड़ा गया। इस मामले में संस्थान के सफाई कर्मचारियों का महत्वपूर्ण भूमिका रही। मरीजों के लिए सबसे लाभदायक यह रहा कि संस्थान के सभी बेड में पहिए लगे थे। जिससे मरीजों को निकालने में आसानी हुई लेकिन इस बीच वेंटिलेटर पर मौजूद टेकचंद और इमाम अली की मौत हो चुकी थी।
इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया गया कि संस्थान में 145 हृदय रोगी भर्ती हैं। जिसमें ऑपरेशन वाले मरीज भी शामिल है। जिन्हें हृदय रोग संस्थान के नई बिल्डिंग में शिफ्ट कर दिया गया। जबकि गंभीर मरीजों को हैलट भेज दिया गया। हैलट में भी ऑक्सीजन और वेंटीलेटर की सुविधा उपलब्ध है। इस संबंध में प्रोफेसर आर बी कमल ने बताया कि हैलट स्थित न्यूरोसाइंस सेंटर को हृदय रोग संस्थान के रूप में प्रयोग किया जाएगा। यहां के न्यूरोसाइंस सेंटर को खोलने के निर्देश दिए गए हैं। हृदय रोगियों की सुविधा के अनुसार आवश्यक तैयारी की जा रही है।