बिल्लियों का शौक खतरनाक, जा सकती है आंखों की रोशनी
- बच्ची की आंख की रोशनी गई, कानपुर में मिला देश का तीसरा केस
- दुर्लभ बीमारी 'टाक्सो- पैराकेनिस' का हुई शिकार
- बिल्लियों के मल से उखड़ जाता है आंख का परदा
- केस स्टडी अमेरिकन जर्नल को भेजी गई

कानपुर. बिल्लियों से दोस्ती करते वक्त अब सावधान हो जाएं। और अगर छोटे बच्चाेेें को बिल्लियों के संग खेलने का शौक है तो उन्हें बिल्लियों से दूर करें। नहीं तो यह संभावना हो सकती है कि बच्चाेेें की आंखों की रोशनी चली जाएं और वह अंधे हो जाएं। कानपुर में देश का तीसरा केस मिला है, जिसमें बच्ची की आंख की रोशनी चली गई और काफी इलाज करने के बाद अब वह फिर से दुनिया को देख पा रही है।
घूसखोरी पर सीएम योगी का जनता से निवेदन, अगर कोई घूस मांगे तो निसंकोच करें शिकायत नम्बर जारी
तीन देशी बिल्लियां थी जामिया की दोस्त :- कानपुर घंटाघर निवासी जामिया (5 वर्ष) पिछले तीन साल से तीन देशी बिल्लियां खेल रही थी। जून साल 2020 जून में एक सुबह सोकर उठी तो आंख में धुंधलापन था। कुछ वक्त गुजरा तो उसकी एक आंख लाल होने लगी। डॉक्टरों ने साधारण इन्फेक्शन मान कर दवाएं दीं। पर इलाज बेअसर रहा। और एक आंख की रोशनी चली गई।
बच्ची के रहन-सहन से हुआ खुलासा :- चिंतित घरवाले जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. परवेज खान के पास पहुंचे। कुछ जांचें कराई गई। जब कुछ समझ में न आया तो उस बच्ची के रहन-सहन के बारे में पूछा गया। बिल्लियों संग खेलने की जानकारी मिलने पर डाक्टरों टाक्सो--पैराकेनिस की आशंका हुई। जांच में पता चला कि टीनिया केंडिस परजीवी का जबरदस्त संक्रमण है, जिससे एक आंख का परदा उखड़ गया है। यह परजीवी बिल्ली के मल से इंसानी आंख में पहुंचता है।
टाक्सो-पैराकेनिस' बीमारी का तीसरा मामला :- जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज नेत्र रोग विभागाध्यक्ष प्रो. परवेज खान नेेे बताया कि, आप्टिकल कोहरेंस टोमोग्राफी से जांच में पता चला कि आंख का परदा उखड़ गया है। कुछ स्टेरायड और एंटीपैरासाइट दवाओं से बीमारी काबू हो गई। छह महीने लगातार इलाज करने पर बच्ची ठीक हो रही है। ऑपरेशन नहीं करना पड़ा। यह भारत में 'टाक्सो- पैराकेनिस' बीमारी का तीसरा मामला है।
'टाक्सो- पैराकेनिस' :- बिल्लियों के मल से दुर्लभ बीमारी 'टाक्सो- पैराकेनिस' होता है। इस बीमारी से आंख का परदा उखड़ जाता है और रोशनी चली जाती है। डॉक्टरों का दावा है कि कानपुर में मिला केस देश का तीसरा केस है। डॉक्टरों ने इस केस स्टडी को अमेरिकन जर्नल को भेज दी है।
अब पाइए अपने शहर ( Kanpur News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज