सेंट्रल स्टेशन पर रेलवे केवल ट्रेन संचालन का काम संभालेगा। ट्रैक, सिग्नल, बोगी और पॉवर को छोड़कर बाकी सारी व्यवस्थाएं निजी कंपनी को दी जाएंगी। टिकट वितरण से लेकर पार्सल बुकिंग में रेलवे का कोई दखल नहीं होगा। स्टेशन की सफाई, बेंच व्यवस्था, यात्री प्रतीक्षालय की जिम्मेदारी निजी हाथों में होगी। खान-पान के स्टॉल भी निजी कंपनी के आधीन होंगे।
कानपुर सेंट्रल पर भारी यात्री लोड देखते हुए कई निजी कंपनियां इसे अपने हाथों में लेने को तैयार हैं। यहां उन्हें बेहतर कमाई की उम्मीद है। जो भी निजी कंपनी स्टेशन संभालेगी वह व्यवस्थाएं जरूर सुधारेगी पर प्रॉफिट देखकर। लिहाजा हर चीज के दाम बढ़ाए जाएंगे। टिकट भी महंगी हो जाएगी। खान-पान की क्वालिटी सुधरेगी तो इन चीजों के दाम भी मनमाने वसूले जाएंगे।
स्टेशन पर यात्रियों को हाईटेक व्यवस्थाएं मिलेंगी। स्टेशन पर ही होटल और मॉल की सुविधा मिलेगी। यात्री यहां से खरीदारी कर सकेंगे और ट्रेन के लेट होने पर रुकने के लिए जगह भी मिलेगी। यात्रियों को खरीदारी के लिए कहीं बाहर नहीं जाना होगा। पार्सल व्यवस्था में भी सुधार होगा। अभी तक पार्सल व्यवस्था में बुकिंग कराने वाली पार्टी को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है और माल के भी नुकसान का खतरा रहता है, पर निजी हाथों में जाने के बाद यह मुश्किल हल हो जाएगी।