इस ट्रेन को चलाने की दावेदारी पहले नॉर्दर्न रेलवे कर रहा था लेकिन एनसीआर ने यह कहकर अपने दावे को मजबूती से रखा कि सबसे ज्यादा समय ट्रेन उसके जोन से गुजरेगी। गुरुवार को रेलवे बोर्ड ने एनसीआर के दावे को स्वीकार कर लिया। एनसीआर ने कानपुर सेंट्रल को इसके संचालन की जिम्मेदारी भी सौंप दी। तेज गतिवाली टी-18 (वंदे भारत) ट्रेन का दोबारा ट्रायल 2 फरवरी को दिल्ली से वाराणसी के बीच होगा।
वंदे भारत ट्रेन ब्लाक हटके (बीएचके मुगलसराय के पहले) रूट से वाराणसी पहुंचेगी। इस ट्रैक पर केवल दस किमी. यह ट्रेन 110 की स्पीड से चलेगी और बाकी पूरा सफर 130 की स्पीड से करेगी। ट्रेन का 2 फरवरी को फिर ट्रायल होगा। वजह बताई जा रही है कि पिछले महीने ट्रायल केवल दिल्ली से प्रयागराज के बीच हुआ था। प्रयागराज से तीन ट्रैक वाराणसी को जाते हैं। दो ट्रैक (वाया प्रयाग एवं रामबाग) और तीसरा ट्रैक वाया मिर्जापुर-वाराणसी है। यही मेन लाइन भी है।
टी-18 ट्रेन का ठहराव कानपुर सेंट्रल पर है। इसके उदघाटन मौके पर पीएम मोदी इसी ट्रेन से दिल्ली से वाराणसी तक का सफर करेंगे। कानपुर में रुकने पर वह उतर भी सकते हैं। हो सकता है कि पीएम नरेंद्र मोदी सेंट्रल स्टेशन पर उतरने के बाद रामलीला मैदान रेलबाजार में सभा करें। रेल मंत्रालय ने कानपुर सेंट्रल के जिम्मेदारों से कहा कि वे इसके लिए तैयार रहें।