जिले में बीते 15 अप्रैल को पंचायत चुनाव (Panchayat Election) के लिए मतदान हुए थे। वोटिंग के बाद से ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में संक्रमित सामने आने लगे। घाटमपुर के परास गांव में बुखार आने से 32 लोगों की मौत हो गई। वहीं गंभीर रूप से बीमार मरीज शहर पहुंचने से रास्ते में ही दम तोड़ देते है। जिले में 10 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है, जिसमें से प्रशासन ने घाटमपुर और बिल्हौर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को कोविड अस्पताल बनाने के लिए चुना गया है। दोनों सीएचसी में ऑक्सीजन सिलिंडर है, लेकिन अस्पताल प्रशासन मरीजों को सिलिंडर से ऑक्सीजन देने का रिस्क नहीं लेना चाहता है। इसलिए भर्ती होने वाले मरीजों को कंसंट्रेटर से ऑक्सीजन देने की योजना बनाई है।
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प्रशासन ने शुरू की तैयारियां
बता दें कि घाटमपुर सीएचसी में 35 और बिल्हौर सीएचसी में 30 बेड है। दोनों ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में लेवल-01 के मरीजों को भर्ती किया जाएगा। कानपुर के शहरी क्षेत्रों में कोविड और नॉन कोविड पेशेंट को ऑक्सीजन प्लांटों से गैस मिल जाती है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों के मरीज इलाज के लिए शहर आते है, तो उन्हें बेड और ऑक्सीजन दोनों ही नहीं मिल पाते है। ग्रामीण क्षेत्रों में ऑक्सीजन प्लांट (Oxygen Plant) नहीं है, जहां से सिलिंडर रिफिल करा सके। इलाज के अभाव में ग्रामीणों को अपनी जान गंवानी पड़ती है। कानपुर में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को कोविड फैसिलिटी हॉस्पिटल में परिवर्तित किया जाएगा। जिला प्रशासन ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी है।