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आईआईटी कानपुर का बड़ा खुलासा, कोरोना की दूसरी लहर में यूपी के इन 10 अस्पतालों में हुई ऑक्सीजन की भारी बर्बादी

locationकानपुरPublished: Jun 19, 2021 04:54:58 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

corona update – यह हैरान कर देने वाला खुलासा आईआईटी की ऑडिट रिपोर्ट में हुआ। जहां इन अस्पतालों में प्रति मरीज ऑक्सीजन की खपत दो लीटर प्रति मिनट होनी चाहिए थी वहां यह खपत 20 एलएमपी (लीटर प्रति मिनट) रही।

आईआईटी कानपुर का बड़ा खुलासा, कोरोना की दूसरी लहर में यूपी के इन 10 अस्पतालों में हुई ऑक्सीजन की भारी बर्बादी

आईआईटी कानपुर का बड़ा खुलासा, कोरोना की दूसरी लहर में यूपी के इन 10 अस्पतालों में हुई ऑक्सीजन की भारी बर्बादी

कानपुर. IIT Kanpur reveal कोरोना वायरस की दूसरी लहर में जब पूरा यूपी आक्सीजन के लिए मारा मारा फिर रहा था, जनता और सरकार दोनों परेशान थी, उस वक्त सूबे के दस अस्पतालों में आक्सीजन की (UP 10 hospital oxygen Ruin) जबरदस्त बर्बादी हुई। यह हैरान कर देने वाला खुलासा आईआईटी की ऑडिट रिपोर्ट में हुआ। जहां इन अस्पतालों में प्रति मरीज ऑक्सीजन की खपत दो लीटर प्रति मिनट होनी चाहिए थी वहां यह खपत 20 एलएमपी (लीटर प्रति मिनट) रही। यह अडिट तीन मई से 29 मई के बीच किया गया था। अब इस रिपोर्ट के आधार पर भविष्य की योजना तैयार की जाएगी। रिपोर्ट सरकार को सौंप दी गई है।
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कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की भारी कमी होने पर यूपी सरकार ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के वरिष्ठ प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल (Manindra Agrawal ) को रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी। सर्वे में 27 दिनों (03 से 29 मई) में अस्पतालों में आक्सीजन खपत का ब्यौरा जुटाया गया। इसके लिए 53 प्राइवेट व सरकारी हॉस्पिटल चुने गए। प्रदेश कई विश्वविद्यालयों को सर्वे की जिम्मेदारी सौंपी गई। आईआईटी के स्तर से तैयार ऑक्सीजन ऑपरेटिंग सिस्टम की मदद से सर्वे को अंजाम दिया गया। इस दौरान 1,32,702 मरीजों को शामिल किया गया।
ऑक्सीजन की खपत के बारे में जानें :- अडिट रिपोर्ट में बताया गया कि, ऑक्सीजन के प्रयोग के लिए चार डिवाइस होती है। ऑक्सीजन मास्क, नॉन री ब्रीथिंग ऑक्सीजन मॉस्क, नॉन इनवेसिव पॉजिटिव प्रेशर वेंटिलेशन (एनआईपीपी), हाई फ्लो नेजल कैनुअला (एचएफएनसी)। रिपोर्ट में बताया गया कि, 6.3 फीसदी मरीजों पर एचएफएनसी प्रयोग किया गया। इसमें करीब 11 फीसदी ऑक्सीजन खर्च हुई। वहीं एनआईपीपी 12.74 फीसदी मरीजों पर हुआ और इसमें 14.4 फीसदी ऑक्सीजन का इस्तेमाल हुआ। सिंपल ऑक्सीजन मास्क का इस्तेमाल 44.17 फीसदी पर हुआ, इसमें 35.5 फीसदी ऑक्सीजन खर्च हुई। नॉन री ब्रीथिंग ऑक्सीजन मॉस्क का इस्तेमाल 31.3 फीसदी मरीजों पर किया गया, इसमें 35.5 फीसदी ऑक्सीजन की खपत हुई।
10 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन खर्च करने वाले अस्पताल :- रिपोर्ट में जीएमसी जालौन, जीएमसी बदायूं, प्रसाद इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज लखनऊ, एएसएमसी अयोध्या और एलएलआरएम मेरठ।

आक्सीजन से खिलवाड़ करने वाले अस्पताल :- केडी मेडिकल कॉलेज मथुरा, आरएमसी बरेली, संतोष मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल गाजियाबाद, मेव इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस लखनऊ, स्कूल ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च नोएडा, इंटीग्रल मेडिकल कॉलेज लखनऊ, एमआरएएमसी अंबेडकर नगर, आरएमएल लखनऊ, एसजीपीजीआई लखनऊ और केजीएमयू लखनऊ।
तीसरी लहर के लिए किया सचेत :- रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना की तीसरी लहर से बचना है तो ऑक्सीजन की बर्बादी को रोकना होगा। ऑक्सीजन की बर्बादी अगर इस तरह हुई तो तीसरी लहर में हालात और भी खराब होंगे।
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