इसके साथ ही उन पर 29-29 हजार का जुर्माना भी किया। वही एक आरोपित को साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया है। 1979 मैं हुई थी हत्या कानपुर देहात के देवराहट थाना क्षेत्र के सेल्हूपुर गांव में नवंबर 1978 में दिनेश की हत्या कर दी गई थी। जिसमें हत्या के बाद दिनेश के परिजनों की तरफ से कुंअरलाल, अयोध्या प्रसाद, रामऔतार आदि के खिलाफ भोगनीपुर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था।
मुकदमा दर्ज होने के बाद भी मृतक दिनेश के परिजनों ने बदला लेने के लिए 23 अप्रैल 1979 को अयोध्या प्रसाद के घर पर धावा बोलकर उनके भाई सरजू, शिव प्रसाद व छोटे और चार साल के पौत्र भीम सिंह की हत्या कर दी थी।
वही जमानत पर छूट कर आए अयोध्या प्रसाद ने भोगनीपुर थाने में 21 लोगों के खिलाफ बलवा व हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। जिसकी सुनवाई 44 साल से एडीजे कोर्ट संख्या-4 में चल रही थी।
कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद गुरुवार आरोपितों धनीराम,विजय बहादुर, बतोले, विजय नारायण, प्रेमचंद्र को उम्रकैद की की सजा सुनाई वही एक अन्य आरोपित मथुरा को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया है।
उम्रकैद की कोर्ट ने सुनाई सजा एडीजीसी प्रदीप कुमार पांडेय ने बताया कि गवाहों के बयानों, शिनाख्त और तथ्यों के आधार पर कोर्ट ने आरोपितों को उम्रकैद की की सजा सुनाई है।
वही गदाईखेड़ा के आरोपित मथुरा को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया गया है।