असलहे के साथ घर बुलाया था दयाशंकर ने बताया कि सूचना मिलने के बाद विकास दुबे ने अपने साथियों को असलहे के साछ बुलाया था। उसने बताया कि थाने से एक फोन आया था और इसलिए सभी को असलहे के साथ बुलाया गया। दयाशंकर ने बताया कि उस वक्त घर में एक ही असलहा था जो उसके नाम पर हैं। विकास दुबे ने उसी असलहे से गोली चलाई थी।
पुलिस ने ही की मदद विकास दुबे की कॉल डिटेल्स खंगाली गई तो पता लगा कि थाने से दरोगा ने ही फोन कर उसे पुलिस रेड की जानकारी दी थी। दबिश से पहले गांव की बिजली भी काटी गई थी। इसके लिए भी चौबेपुर थाने से ही फोन आया था। इस मामले में भी जांच चल रही है। हालांकि संदेह के घेरे में आए एसओ विनय तिवारी को सस्पेंड कर दिया गया है।
विकास दूबे पर एक लाख का इनाम विकास दुबे की गिरफ्तारी के लिए नोएडा से लेकर नेपाल बार्डर तक अलर्ट कर दिया गया है। विकास की गिरफ्तारी के लिए यूपी पुलिस और एसटीएफ की 20 टीमें और तीन हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी लगाए गए हैं। नेपाल भागने की आशंका को देखते हुए बॉर्डर से सटे सातों जिलों में विशेष अलर्ट किया गया है। विकास के परिवार के लोगों समेत करीब 500 करीबियों के मोबाइल फोन पुलिस ने सर्विलांस पर ले रखे हैं। उसके करीबी पुलिसकर्मियों की भी निगरानी की जा रही है। विकास दुबे को पकड़ने के लिए एक लाख का इनाम घोषित किया गया है।
18 आरोपियों पर 25,000 का इनाम घटना में शामिल विकास के गुर्गे श्यामू बाजपेई, छोटू शुक्ला ,जेसीबी चालक मोनू, जहान यादव, दयाशंकर अग्निहोत्री, शशिकांत, पंडित शिव तिवारी, विष्णु पाल, राम सिंह, राम बाजपेई, अमर दुबे, प्रभात मिश्रा, गोपाल सैनी, वीरू भवन, शिवम दुबे, बालगोविंद और बउवा दुबे के खिलाफ 25,000 रुपये के इनाम की घोषणा की गई है।
कानपुर आईजी मोहित अग्रवाल के मुताबिक अब तक कुल 21 लोगों की पहचान कर ली गई है, जिनमें से 2 लोगों का एनकाउंटर पुलिस ने किया है और एक राइफल जिससे हमला हुआ और पुलिस की लूटी गई एक पिस्तौल पुलिस ने बरामद की है।