बालू के ढेर में छिपाकर और नदियों में शवों को फेंककर छिपाया जा रहा है मौतों का आंकड़ा : संजय सिंह बारिश ने खोली पोल :- पिछले दिनों हुई बारिश ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की पोल खोल दी। बारिश से गंगा की रेती में दबे शव बाहर आ गए। और गंगा में उतराने लगे। जिस वजह से यूपी सरकार की काफी खिंचाई हुई। केंद्र सरकार और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रिपोर्ट मांगने के बाद योगी सरकार ने गंगा की निगरानी के आदेश दिए हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में आउटर पुलिस करेगी गंगा की पहरेदारी :- इसके बाद बेहद गंभीरता के साथ कानपुर कमिश्नरेट और आउटर पुलिस ने अपने क्षेत्रों में गंगा की निगरानी करने की योजना बनाई है। एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स) की एक टीम और एक प्लाटून पीएसी की टीम शनिवार को कानपुर पहुंच जाएगी। जहां शहरी क्षेत्रों में कानपुर कमिश्नरेट पुलिस की टीमें वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में आउटर पुलिस गंगा की पहरेदारी करेंगी।
अंतिम संस्कार पुलिस टीम कराएगी :- पुलिस कमिश्नर कानपुर असीम अरुण ने बताया कि, शनिवार से एसडीआरएफ और पीएसी की टीमें गंगा में पेट्रोलिंग करेंगी। एसडीआरएफ और पीएसी को स्टीमर मुहैया कराया जाएगा। गंगा में कोई शव दिखा तो उसका अंतिम संस्कार पुलिस टीम कराएगी। कोई प्रवाहित करता हुआ मिला तो विधिक कार्रवाई भी की जाएगी।
शव बहाने वालों पर जुर्माना लगाने पर मंथन :- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को नदियों में शव बहाने पर सख्ती से रोक लगाने को कहा है, शव बहाने वालों पर जुर्माना भी लगाने पर विचार किया जा रहा है। प्रत्येक व्यक्ति जिसकी मृत्यु हुई है उसे सम्मानजनक रूप से अंत्येष्टि का अधिकार है।