कानपुर। एक सप्ताह पहले कमिश्नर आवास के पास बनीं सड़क सोमवार को एकाएक फट गई, जिसके कारण बच्चों से भरी स्कूल चपेट में आ गई। चालक ने किसी तरह से बस में कंट्रोल किया और बड़ा हादसा टाल दिया। स्थानीय लोगों ने घटना की जानकारी कानपुर की मेयर प्रमिला पांडेय को दी। जानकारी मिलते ही वह मौके पर आ धकमी और जिला प्रशासन के साथ ही पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को तलब कर लिया, लेकिन कोई भी अधिकारी उनके बुलावे पर नहीं पहुंचा। जिसके कारण उनका पारा चढ़ गया और अपनी ही सरकार व अफसरों के खिलाफ धरने पर बैठ गई। मेयर ने कहा कि पीडब्यूडी विभाग में भष्टाचारी जिन्न आज भी बैठा है। सरकार बदल गई, पर वह बदलने को तैयार नहीं। सीएम
योगी आदित्यनाथ के साथ ही डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या से शिकायत करूंगी। मेयर ने बताया कि पूरा शहर गड्ढों से जूझ रहा है। अफसर उन्हें सुबह भरते हैं, लेकिन शाम होते-होते वह फिर दोबारा उसी हालत में तब्दील हो जाते हैं।
पर सड़कें दिखती ही नहींकमिश्नर आवास से लेकर कंपनी बाग तक पीडब्ल्यूडी विभाग ने एक सप्ताह पहले सड़क का निर्माण कराया था, लेकिन करेप्शन रूपी मटेरियल से बनी सड़क सोमवार का फट गई। सड़क फटने से अफरा-तफरी मच गई। इस दौरान कई स्कूली बसें बच्चों को लेकर जा रही थीं, जो इसके चपेट में आ गई। एक बस पलटते-पलटते बची। चालक ने एमजेंसी ब्रेक लगाकर बस को रोक दिया, पर कुछ बच्चे उछल कर एक-दूसरे के ऊपर गिरकर घायल हो गए। स्थानीय लोगों ने बच्चों को अस्पताल भिजवाए और घटना की जानकारी मेयर प्रमिला पांडेय को दी। मेयर मौके पर पहुंची और लोगों से पूरी जानकारी ली। मेयर ने पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर को फोन किया, लेकिन उन्होंने रिसीब नहीं किया तो उन्होंने डीएम को फोन लगाकर मौके पर आने को कहा, लेकिन वह भी नहीं आए। जिससे वह नाराज हो गई और अपने ही सरकार और अफसरों के खिलाफ हमला बोल दिया। मेयर ने कहा कि 2014 से लेकर 2018 तक शहर में करोड़ों रूपए की सड़कें बनीं, लेकिन मुझे दिखती नहीं। पीडल्यू विभाग पूरी तरह से भ्रष्ट है और कुछ हद तक जिला प्रशासन भी इनके साथ मिला हुआ है।
उनके बाप की बपौती नहींमेयर इस दौरान पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर पर जमकर बरसीं। बताया, चीफ इंजीनियर कमिश्नर के आवास पर बैठे हैं। मुझे जानकारी हुई तो मैंने अपने एक पार्षद को उन्हें लाने के लिए भेजा। पार्षद ने चीफ इंजीनियर से पूरी बात बताई, लेकिन उन्होंने कहा कि यह पीडब्ल्यूडी और नगर निगम का मामला है और इसे हम देख लेंगे। मेयर ने बताया कि चीफ इंजीनियर ने पार्षद को बेइज्जत कर भगा दिया। मेयर बोली, नगर निगम चीफ इंजीनियर के बाप की बतौती नहीं। वह जनता का नौकर है और जनता जब भी परेशान होगी नौकर को आना पड़ेग। दन जैसे नौकरशाहों के चलते योगी सरकार की किरकिरी होती है। जनता ने हमें चुनकर अपना जनप्रतिनिधि बनाया है और वह अपनी समस्याएं हमें बताते हैं। अफसरों को जवाब देना नहीं होता। हां जनता के पैसे से अपनी तिजोरियां भरते हैं।
पाई-पाई का देना होगा हिसाबमेयर ने कहा कि आज ही मैं सीएम योगी आदित्यनाथ से बात करूंगी और शहर में सड़कों के निर्माण के लिए कितनी राशि आंवटित हुई, कहां-कहां सड़कें बनीं पूरी जानकारी उनसे लूंगी। भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ जांच के बाद कार्रवाई की मांग करूंगी। अब इन्हें पाई-पाई का हिसाब देना होगा। मेयर ने कहा कि सपा सरकार के दौरान पीडब्ल्यूडी में तैनात कई अफसर आज भी यहां मौजूद हैं और सरकार के आंख में धूल झोंक कर जनता की कमाई से अपना घर बनवा रहे हैं। मेयर ने बताया कि पूरे शहर में सीवर लिकेज, सड़क, जलभराव, साफ-सफाई और शौचालयों को लेकर जनता हमारे पास आती है। जब हम विभाग के अफसरों को फोन लगाते हैं तो वह आश्वासन देकर बात को घुमा देते हैं। पर उन्हें नहीं, मालूम की अब कानपुर की मेयर प्रमिला पांडेय बन गई हैं।