बगैर चले 1216 करोड़ महंगी हुई कानपुर मेट्रो
पटरी से उतरी व्यवस्था - संशोधित डीपीआर में निर्माण लागत में भारी इजाफे का आकलन

कानपुर . अभी शहर में मेट्रो का एक पिलर भी खड़ा नहीं हुआ है और परियोजना में 1216 करोड़ का इजाफा हो गया है। संशोधित डीपीआर बनाने वाली कंपनी राइट्स ने निर्माण लागत में भारी इजाफे का आंकलन किया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मेट्रो का काम यूं ही सुस्त रहा तो अगले एक साल में करीब 2400 करोड़ की लागत में वृद्धि तय है। फिलहाल संशोधित डीपीआर को एक बारगी फिर योगी सरकार के बाद रजामंदी के लिए भेजा गया है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद प्रस्ताव को केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा। डीपीआर में निर्माण लागत की वृद्धि को बर्दाश्त करने के लिए मेट्रो स्टेशनों पर खान-पान प्लाजा और विज्ञापन का सहारा लेने का सुझाव भी दिया गया है।
20 साल के लिए ट्रैफिक मोबिलिटी प्लान तैयार
केंद्र सरकार की नई मेट्रो नीति के तहत कानपुर मेट्रो रेल परियोजना को पीपीपी मोड पर तैयार किया जाएगा। इसी कारण मेट्रो की संशोधित डीपीआर बनानी पड़ी। इस दौरान मेट्रो डिपो के लिए जमीन मुहैया होने के बावजूद काम सुस्त रहा। नतीजा यह हुआ कि प्रदेश सरकार के छह पहले के निर्देश पर तैयार संशोधित डीपीआर में 1216 करोड़ रुपए की वृद्धि दर्ज हो गई। गौरतलब है कि प्रारंभिक डीपीआर में निर्माण पर 17092 करोड़ खर्च होने का आकलन था, यानी कंपलीशन सर्टिफिकेट की स्थिति में टैक्स मिलाकर इतनी रकम खर्च होनी तय थी। रिपोर्ट में स्पष्ट था कि अक्टूबर 2016 तक मेट्रो प्रोजेक्ट को केंद्र से मंजूरी मिल जाएगी और दिसंबर से काम शुरू हो जाएगा। इस दौरान यार्ड की दीवार बननी जरूर शुरू हुई, लेकिन इससे पहले कि निर्माण की रफ्तार तेज होती, केंद्र से प्रोजेक्ट रिपोर्ट ही वापस हो गई और संशोधित रिपोर्ट की कवायद शुरू हो गई। फिलहाल नई डीपीआर में 20 साल के लिए ट्रैफिक मोबिलिटी प्लान बनाया गया है।
730 करोड़ सिर्फ जमीन के लिए अदा करने होंगे
नई डीपीआर में सर्किल रेट के हिसाब से प्रस्तावित भूमि अधिग्रहण के लिए 730.8 करोड़ खर्च होने का अनुमान है। बीते वर्ष के मुकाबले सर्किल रेट बढऩे के कारण भूमि अधिग्रहण में ज्यादा रकम खर्च होगी। रिपोर्ट के मुताबिक, परियोजना की कुल लागत 13721 करोड़ होगी, जबकि निजी जमीनों को अधिग्रहण करने पर 74.2 करोड़, जबकि सरकार विभागों की जमीन के लिए 656.6 करोड़ चुकाने होंगे। निर्माण लागत 10477 करोड़ बताई गई है। इस प्रकार निर्माण व जमीन पर कुल लागत 11207.8 करोड़ आएगी, जबकि केंद्र के टैक्स के बतौर 1251.1 करोड़ और राज्य के टैक्स के बतौर 566. 2 करोड़ अदा करने होंगे।
पहले चरण में दो रूट पर दौड़ेगी कानपुर की मेट्रो
20 साल के ट्रैफिक मोबिलिटी प्लान के अनुसार शहर में मेट्रो के चार रूट होंगे। पहले चरण में दो रूट का खाका तैयार कर लिया गया है। पहला रूट आईआईटी से नौबस्ता तक होगा। 23.70 किमी लंबे इस रूट में भूमिगत ट्रैक की लंबाई 15.15 किमी होगी, जबकि एलिवेटेड रूट 8.54 किमी लंबा होगा। इस रूट पर आईआईटी, कल्याणपुर रेलवे स्टेशन, एसपीएम अस्पताल, कानपुर विश्वविद्यालय, गुरुदेव पैलेस चौराहा, गीतानगर, रावतपुर रेलवे स्टेशन, हैलट अस्पताल, मोतीझील, चुन्नीगंज, नवीन मार्केट, बड़ा चौराहा, फूलबाग, नयागंज, कानपुर सेंट्रल स्टेशन, झकरकटी बस अड्डा, ट्रांसपोर्टनगर, बारादेवी, किदवईनगर, बसंतीविहार, बौद्ध नगर, नौबस्ता स्टेशन होंगे। दूसरा रूट सीएसए से बर्रा तक होगा। करीब 9 किमी लंबे इस रूट में 4.5 किमी रूट भूमिगत होगा। इस रूट पर कुल नौ स्टेशन सीएसए, रावतपुर स्टेशन, काकादेव, डबल पुलिया, विजयनगर चौराहा, गोङ्क्षवदनगर, शाी चौक, बर्रा सात, बर्रा आठ होंगे, जिसमे 05 भूमिगत होंगे।
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