महापौर प्रमिला पांडेय ने जब कार्यकारिणी के लिए छह नए सदस्यों के चुनाव की घोषणा की तो सर्वसम्मति से चुनाव कराने की उनकी मंशा का कांग्रेस पार्षद दल के नेता कमल शुक्ला और सपा पार्षद दल के नेता सुहेल अहमद ने भी समर्थन किया। दूसरी ओर निर्दलीय पार्षदों ने भी कार्यकारिणी में प्रतिनिधित्व की मांग उठाते हुए उपेक्षा का आरोप लगाकर सदन पटल पर दो बार हंगामा किया।
नगर निगम कार्यकारिणी चुनाव में सपा ने अर्पित यादव, कांग्रेस ने अमनदीप सिंह लवी और भाजपा ने रमेश चंद्र हठी, गिरीश चंद्रा, सुमन त्रिवेदी, दीपक शर्मा को प्रत्याशी घोषित कर दिया। जबकि दो बार सदन स्थगित करने के बाद भी भाजपा में चारों नामों पर सहमति नहीं बनी और पार्टी के छह अन्य पार्षदों ने बगावत कर नामांकन कर दिया। जांच में निर्दलीय पार्षद सुनील कनौजिया का पर्चा खारिज हो गया। उन्होंने नामांकन फार्म में वार्ड नंबर नहीं लिखा था।
महापौर ने समिति कक्ष में पार्षदों की बैठक कर तीन बागियों के मैदान में उतरने पर नाराजगी जताई। पार्टी के सचेतक योगेश सिंह ने अधिकृत प्रत्याशियों को ही वोट देने की व्हिप जारी की। बाद में भाजपा से बगावत करने वाले नवीन पंडित, राशिद आरफी, अशोक पाल और निर्दलीय कीर्ति अग्निहोत्री ने पर्चा वापस ले लिया। शेष 10 प्रत्याशियों में भाजपा के सात, सपा, कांग्रेस और निर्दलीयों में से एक-एक प्रत्याशी शामिल रहे।
दो घंटे में 106 पार्षदों और 8 पदेन सदस्यों ने वोट डाले। हुए चुनाव में पार्टी में फूट के चलते दो अधिकृत प्रत्याशियों को शिकस्त मिली, जबकि बगावत कर मैदान में उतरे राघवेंद्र मिश्रा जीत गए। वहीं दूसरी बागी प्रत्याशी निर्मला मिश्रा ने भी आठ वोट झटके। मतगणना में पता चला कि अर्पित यादव को पहली वरीयता के सर्वाधिक 15 वोट मिले, जबकि अमनदीप, गिरीश चंद्रा, दीपक शर्मा को पहली वरीयता 14-14, राघवेंद्र मिश्रा को 13 और रमेश हठी व राशिद महमूद को 10-10 वोट मिले। राशिद ने दूसरी वरीयता के 21 वोट पाकर रमेश को पछाड़ा।
मतदान के बाद प्रत्याशी रमेश हठी ने शासनादेश का हवाला देकर कहा कि लोकसभा की कार्यवाही के दौरान नगर निगम का सदन नहीं चल सकता। इस पर महापौर ने सदन स्थगित कर दिया। उन्होंने कहा कि रमेश हठी से शासनादेश प्रस्तुत करने को कहा है। इसके बाद विधिक राय लेकर चुनाव परिणाम घोषित किए जाएंगे।