पिछले कई दिनों से शहर के अलग-अलग इलाकों से नगर निगम की पार्किंग पर मनमाना पैसा वसूले जाने की शिकायतें मिल रही थीं। कहीं पर भी सही दरों का बोर्ड नहीं लगा था, जिस कारण वाहन मालिकों को ठेकेदारों के मनमाफिक पैसा जमा करना पड़ता था। ज्यादा भीड़भाड़ वाली पार्किंग पर तो बाइक से दस और कार मालिकों से ५० रुपए तक की वसूली की जाती रही।
अवैध वसूली पर रोक लगाने के लिए नगर निगम ने अपनी सभी पार्किंग पर सही दरों का बोर्ड लगवा दिया। जिसके मुताबिक साइकिल के लिए ३ रुपए, बाइक के लिए पांच रुपए और कार के लिए १५ रुपए का रेट तय किया गया है। यह रेट एक वाहन पर दो घंटे के लिए है। तय समय से ज्यादा वक्त बीतने पर राशि बढ़ जाएगी।
जब नगर निगम ने सही रेट वाले बोर्ड लगवाए तो ठेकेदारों की अवैध वसूली रुक गई। इस पर ठेकेदारों ने दबंगई दिखाते हुए लगाए गए बोर्ड पर रेट की राशि पर लाल कलर पुतवा दिया था। जिससे लोगों को पता ही नहीं चलता था कि किस वाहन के लिए नगर निगम ने कितनी राशि तय की है और ठेकेदारों की मनमानी चलती रही।
जब नगर निगम तक ये जानकारी पहुंची कि ठेकेदारों ने रेट पुतवा दिया है तो उन पर सख्ती की गई और नए बोर्ड लगवाए गए। ठेकेदारों को चेतावनी दी गई कि अगर दोबारा उन्होंने बोर्ड के साथ छेडख़ानी की तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
नगर निगम ने तुलसी उपवन की पार्किंग को फ्री कर दिया है। इसके अलावा शहर में जिन स्थानों को नो पार्किंग जोन घोषित किया गया है, वहां पर वाहन खड़ा करने वालों से जुर्माना वसूला जाएगा।