न्यायिक जांच की मांग पूर्व मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने कहा कि दशहरे के दिन रावतपुर गांव में दो समुदायों के बीच झड़प हुई थी। पुलिस ने इस घटना को गंभीरता से नहीं लिया, जिसके चलते रविवार को पमरपुरवा व रावतपुर में उपद्रवियों ने बवाल किया। इससे पुलिस-प्रशासन की चूक सामने आ रही है। पुलिस ने दंगे के बाद जिन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है, उनमें से ज्यादा एक समुदाय के साथ ही कुछ निर्दोष लोग हैं। हम प्रदेश सरकार से मांग करते हैं कि घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिए और जो भी दोषी हो उस पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।
अलाकमान को दी रिपोर्ट पूर्व मंत्री जायसवाल ने बताया कि उन्होंने कानपुर बवाल की पूरी रिपोर्ट दिल्ली में पार्टी हाईकमान को सौंपी है। गुरुवार को कानपुर आकर पूरे प्रकरण के बारे में आला अधिकरियों से चर्चा करेंगे। श्रीप्रकाश जायसवाल ने योगी सरकार के कार्यो पर सवाल उठाते हुए कहा कि मोहर्रम और नवरात्र पर यूपी के कई जिलों में सांप्रदायिक झड़प हुईं, लेकिन सीएम सभी घटनाओं पर चुप्पी साधे हुए हैं। यूपी सरकार पूरी तरह से फ्लाप हो गई है। कानून व्यवस्था बेपटरी है। बेरोजगारी चरम पर है। जीएसटी की मार से व्यापारी परेशान हंै तो पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं।
परमपुरवा बवाल की हो निष्पक्ष जांच श्रीप्रकाश जायसवाल ने कहा कि रविवार को परमपुरवा में हुई घटना की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। हमारी वहां के लोगों से बात हुई है और उन्होंने बताया है कि मोहर्रम जुलूस के दौरान कुछ लोग बीच रास्ते पर आ गए। पुलिस उस वक्त उन्हें रोक लेती तो बवाल रोका जा सकता था, लेकिन ऐसा हुआ नहीं और दोनों तरफ के कुछ शरारती तत्व इसी का फायदा उठा ले गए। जायसवाल ने बताया कि पुलिस ने पांच हजार से ज्यादा अज्ञात और 78 से 80 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर की है, जिसमें एक समुदाय के ज्यादा लोगों को आरोपी बनाया गया है।