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कानपुर एनकाउंटर के चश्मदीद गवाह ने बताई उस दिन की पूरी कहानी, 20 मिनट की फायरिंग के बाद पसर गया था सन्नाटा

locationकानपुरPublished: Jul 18, 2020 11:20:15 am

Submitted by:

Karishma Lalwani

दो जुलाई को कानपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्या (Kanpur Encounter) मामले में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। पुलिस ने विकास दुबे और उस दिन से जुड़े तमाम साक्ष्य जुटाए हैं। पुलिस ने उस घटना के चश्मदीद गवाह रहे जेसीबी ड्राइवर राहुल पाल को गिरफ्तार किया है

कानपुर एनकाउंटर के चश्मदीद गवाह ने बताई उस दिन की पूरी कहानी, 20 मिनट की फायरिंग के बाद पसर गया था सन्नाटा

कानपुर एनकाउंटर के चश्मदीद गवाह ने बताई उस दिन की पूरी कहानी, 20 मिनट की फायरिंग के बाद पसर गया था सन्नाटा

कानपुर. दो जुलाई को कानपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्या (Kanpur Encounter) मामले में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। पुलिस ने विकास दुबे और उस दिन से जुड़े तमाम साक्ष्य जुटाए हैं। पुलिस ने उस घटना के चश्मदीद गवाह रहे जेसीबी ड्राइवर राहुल पाल को गिरफ्तार किया है। राहुल पाल वह शख्स है जिसने विकास दुबे के हुक्म पर घर के सामने वाली रोड पर जेसीबी लगाकर पुलिस के आने का रास्ता रोका था। पूछताछ में उसने पुलिस को कई अहम जानकारियां दीं।
कानपुर एनकाउंटर के चश्मदीद गवाह ने बताई उस दिन की पूरी कहानी, 20 मिनट की फायरिंग के बाद पसर गया था सन्नाटा
पुलिस को दी ये जानकारी

राहुल ने पुलिस को बताया कि दो जुलाई को वह खेत पर काम कर रहा था। तभी उसके पास विकास के मामा प्रेम प्रकाश पांडेय आए और उसे जेसीबी लेकर चलने को कहा। राहुल ने बताया कि जब वह बिकरू पहुंचा तो देखा कि वहां काफी लोग खड़े हैं। विकास दुबे की छत पर 20-25 असलहाधारी बैठे थे। ये सभी पुलिस पर फायरिंग कर रहे थे। लगभग 20 मिनट फायरिंग हुई। जब कई पुलिसकर्मी गोली लगने से ढेर हो गए तो दुबे ने चिल्लाकर ‘गनकट’ कहा था। इसके बाद सन्नाटा पसर गया और बदमाश अपनी पोजिशन छोड़कर फरार हो गए थे।
गाड़ी में सुलाकर छत पर किया बंद

उस दिन की घटना को याद कर राहुल ने आगे बताया कि उसने बिलकुल वैसा किया जैसा विकास दुबे ने उससे करने के लिए कहा था। जब उसने गाड़ी को रास्ते में लगा दिया और नीचे उतरने लगा तो विकास ने उससे गाड़ी में सो जाने के लिए कहा। इसके बाद वहां मौजूद धीरू नाम के शख्स से कहा कि इसे ले जाकर छत पर बंद कर दो। राहुल को विकास दुबे की छत पर चढ़ा दिया गया। जीने से लगी खिड़की पर कुंडी लगा दी गई थी। राहुल ने बताया कि जब वह छत पर पहुंचा तो देखा कि 20 से 25 लोग बैठे हुए थे और सभी के हाथों में असलहे थे।
किसी तरह भागकर बचाई जान

छत किनारे एक छज्जे पर लेट कर राहुल ने उस दिन की पूरी घटना को अपनी डरी हुई आंखों से देखा। पुलिस को राहुल ने बताया कि वह बहुत घबराया हुआ था। कुछ समझ नहीं आ रहा था क्या करना है। छत के छज्जे किनारे लेटकर उसे देखा कि वहां जबरदस्त फायरिंग हो रही थी। पुलिस पर फायरिंग हो रही थी। छत से विकास के आदमी गोली चला रहे थे। लगभग 15 से 20 मिनट फायरिंग होने के बाद विकास दुबे की अवाज आई ‘गनकट’ इसके बाद पूरा माहौल शांत हो गया था। उसने बताया कि थोड़ी देर बाद जब वह बाहर निकला तो देखा पूरा माहौल शांत हो गया है। सिर्फ टार्च ही टार्च जल रही थी। इसके बाद किसी तरह वहां से कूद कर अपनी जान बचाते हुए वहां से भाग निकला।
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