जिलाधिकारी विशाखा जी ने बताया कि कानपुर हिंसा में शामिल एमएमएस फैंस एसोसिएशन का राष्ट्रीय अध्यक्ष और नई सड़क पर हुए उपद्रव के मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अंतर्गत कार्रवाई की गई है। उन्होंने बताया कि पुलिस कमिश्नर की रिपोर्ट पर यह कार्यवाही की गई है। पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने बताया कि फंडिंग के आरोप में हाजी मोहम्मद वशी, मुख्तार अहमद उर्फ बाबा बिरियानी, अकील खिचड़ी, शफीक के खिलाफ गैंगस्टर के अंतर्गत कार्रवाई की गई है। इस मामले में अब तक पुलिस ने 62 लोगों को गिरफ्तार किया है।
वीवीआइपी की उपस्थिति में हिंसा, सोची समझी साजिश
3 जून शुक्रवार के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यपाल आनंदीबेन, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के गांव में बड़ा प्रोग्राम था। जांच के लिए गठित की गई एसआईटी को इसके पीछे बड़ी साजिश नजर आ रही है। उपरोक्त वीवीआइपी की मौजूदगी में हिंसा से भारत की छवि धूमिल करने का मकसद था। नूपुर शर्मा का बयान तो केवल बहाना था।
कुछ और अभियुक्तों पर हो सकती है एनएसए की कार्रवाई
एसआईटी की जांच में हिंसा के पीछे का एक और कारण हिंदू बाहुल्य क्षेत्र चंद्रेश्वर हाता है। जिस पर मुस्लिम बिल्डर कब्जा करना चाहते थे और यही कारण था। हंगामे को पीछे से फाइनेंस करने वालों में ऐसे लोगों के नाम खुलकर सामने आए हैं। मकसद था कि डर के मारे हिंदू अपना मकान बेच कर चले जाएं। बाबा बिरियानी के मालिक मुख्तार बाबा, हाजी मोहम्मद वशी और डी2 गिरोह के सदस्य भी हिंसा को पीछे से हवा दे रहे थे। पुलिस अधिकारियों की माने तो कुछ और अभियुक्तों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून एनएसए के तहत कार्रवाई की जा सकती है।