तापमान में १२ डिग्री का अंतर
शनिवार को दिन और रात मे तापमान में १२ डिग्री सेल्सियस का अंतर दिखा। दिन का अधिकतम तापमान २० डिग्री सेल्सियस रहा। दिन में हवा थमने से लोगों को राहत मिली और ठंडक का एहसास कम हुआ, लेकिन शाम पांच बजे तक तापमान १४ डिग्री हो गया। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक रात का तापमान ८ डिग्री या उससे भी नीचे जा सकता है।
शनिवार को दिन और रात मे तापमान में १२ डिग्री सेल्सियस का अंतर दिखा। दिन का अधिकतम तापमान २० डिग्री सेल्सियस रहा। दिन में हवा थमने से लोगों को राहत मिली और ठंडक का एहसास कम हुआ, लेकिन शाम पांच बजे तक तापमान १४ डिग्री हो गया। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक रात का तापमान ८ डिग्री या उससे भी नीचे जा सकता है।
बीमारियों का खतरा
दिन और रात के तापमान में ज्यादा अंतर से बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। दिन में मामूली राहत मिलने पर घर से बाहर निकलने वालों ने लापरवाही बरती तो खांसी और जुकाम से घिर सकते हैं। खासतौर पर वाहन चलाने वालों को लापरवाही भारी पड़ सकती है। इसलिए डॉक्टरों की सलाह है कि दिन में भी घर से बाहर या खुले में आने पर भी पूरे कपड़े पहने रहे। कान और हथेलियों का ढका रहना जरूरी है।
दिन और रात के तापमान में ज्यादा अंतर से बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। दिन में मामूली राहत मिलने पर घर से बाहर निकलने वालों ने लापरवाही बरती तो खांसी और जुकाम से घिर सकते हैं। खासतौर पर वाहन चलाने वालों को लापरवाही भारी पड़ सकती है। इसलिए डॉक्टरों की सलाह है कि दिन में भी घर से बाहर या खुले में आने पर भी पूरे कपड़े पहने रहे। कान और हथेलियों का ढका रहना जरूरी है।
फसल में भारी नुकसान
शुक्रवार के बाद शनिवार को भी शहर के कुछ इलाकों में हल्की बूंदाबांदी हुई, जिसने फसलों के हुए नुकसान को और बढ़ा दिया। सबसे ज्यादा नुकसान सरसों में हुआ है। सरसों के ज्यादातर फूल झड़ चुके हैं, इसी तरह टमाटर की फसल भी चौपट हो चुकी है। इसके अलावा आलू की पक्की फसल में भी बड़ा नुकसान हुआ है। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक अगर कुछ और दिन ऐसा ही हाल रहा तो बची-खुची फसल भी खत्म हो जाएगी।
शुक्रवार के बाद शनिवार को भी शहर के कुछ इलाकों में हल्की बूंदाबांदी हुई, जिसने फसलों के हुए नुकसान को और बढ़ा दिया। सबसे ज्यादा नुकसान सरसों में हुआ है। सरसों के ज्यादातर फूल झड़ चुके हैं, इसी तरह टमाटर की फसल भी चौपट हो चुकी है। इसके अलावा आलू की पक्की फसल में भी बड़ा नुकसान हुआ है। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक अगर कुछ और दिन ऐसा ही हाल रहा तो बची-खुची फसल भी खत्म हो जाएगी।