ऐसी है सफाई व्यवस्था
इंदौर शहर में एक भी जगह पर कूड़ा घर और कचरा पेटी नहीं मिलेगी. 100 परसेंट डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन किया जाता है. घरों से 3 प्रकार का कूड़ा कलेक्ट किया जाता है और इनका निस्तारण भी अलग-अलग किया जाता है. बता दें कि 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छता मिशन शुरू हुआ था और 2.5 साल के अंदर ही इंदौर स्वच्छता सर्वे में देश का सबसे साफ शहर बन गया था, जबकि 2015 में सर्वे में इंदौर 25वें स्थान पर पहुंच गया था. इंदौर नगर निगम ने डंप पड़ी 700 छोटी-बड़ी गाडिय़ों और अन्य संसाधनों को मेंटेन कर उनका बेहतर ढंग से प्रयोग किया.
इंदौर शहर में एक भी जगह पर कूड़ा घर और कचरा पेटी नहीं मिलेगी. 100 परसेंट डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन किया जाता है. घरों से 3 प्रकार का कूड़ा कलेक्ट किया जाता है और इनका निस्तारण भी अलग-अलग किया जाता है. बता दें कि 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छता मिशन शुरू हुआ था और 2.5 साल के अंदर ही इंदौर स्वच्छता सर्वे में देश का सबसे साफ शहर बन गया था, जबकि 2015 में सर्वे में इंदौर 25वें स्थान पर पहुंच गया था. इंदौर नगर निगम ने डंप पड़ी 700 छोटी-बड़ी गाडिय़ों और अन्य संसाधनों को मेंटेन कर उनका बेहतर ढंग से प्रयोग किया.
लापरवाह सफाई कर्मियों को किया गया बाहर
इंदौर में जब स्वच्छता अभियान शुरू किया गया तो वहां कार्य में लापरवाह 700 से ज्यादा सफाई कर्मियों को बाहर कर दिया गया था. इस कठोर कार्रवाई के बाद सभी कर्मचारी अपने-अपने कार्य में तत्परता से लग गए. कानपुर नगर निगम में भी सैकड़ों सफाई कर्मी ऐसे हैं, जो अपनी बीट पर सफाई करने नहीं पहुंचते हैं. वहीं सफाई के मामले में इंदौर की जनता ने भी अपना भरपूर साथ दिया. इंदौर में 24 घंटे सफाई होती है. पूरे शहर की सड़कों की सफाई रात में मशीनों के जरिए की जाती है.
इंदौर में जब स्वच्छता अभियान शुरू किया गया तो वहां कार्य में लापरवाह 700 से ज्यादा सफाई कर्मियों को बाहर कर दिया गया था. इस कठोर कार्रवाई के बाद सभी कर्मचारी अपने-अपने कार्य में तत्परता से लग गए. कानपुर नगर निगम में भी सैकड़ों सफाई कर्मी ऐसे हैं, जो अपनी बीट पर सफाई करने नहीं पहुंचते हैं. वहीं सफाई के मामले में इंदौर की जनता ने भी अपना भरपूर साथ दिया. इंदौर में 24 घंटे सफाई होती है. पूरे शहर की सड़कों की सफाई रात में मशीनों के जरिए की जाती है.
अपनाया जाता है ऐसी प्रक्रिया को
इंदौर में फल और सब्जी मंडी से निकलने वाले कचरे को सीएनजी गैस में बदलने की प्रक्रिया को अपनाया जाता है. वहां दैनिक आधार पर 20 मीट्रिक टन कचरे को 1,000 किलो सीएनजी गैस में परिवर्तित किया जा रहा है. साल के अंत तक इसकी क्षमता को बढ़ाया जा रहा है. जिसमें प्रतिदिन 4,000 किलो सीएनजी कचरे से उत्पन्न की जाएगी. इस गैस से सिटी बसों का संचालन किया जाता है.
इंदौर में फल और सब्जी मंडी से निकलने वाले कचरे को सीएनजी गैस में बदलने की प्रक्रिया को अपनाया जाता है. वहां दैनिक आधार पर 20 मीट्रिक टन कचरे को 1,000 किलो सीएनजी गैस में परिवर्तित किया जा रहा है. साल के अंत तक इसकी क्षमता को बढ़ाया जा रहा है. जिसमें प्रतिदिन 4,000 किलो सीएनजी कचरे से उत्पन्न की जाएगी. इस गैस से सिटी बसों का संचालन किया जाता है.
ऐसे किया निरीक्षण
स्वच्छ भारत मिशन के तहत कानपुर की महापौर और नगर आयुक्त समेत नगर स्वास्थ्य अधिकारी, स्मार्ट सिटी प्रभारी सहित नगर निगम के अन्य अधिकारियों ने इंदौर का निरीक्षण किया था. वहां सभी को बारिकी से सफाई के मॉडल को दिखाया गया था और कैसे वह अपने शहरों में इसे लागू कर सकते हैं, यह भी समझाया गया था.
स्वच्छ भारत मिशन के तहत कानपुर की महापौर और नगर आयुक्त समेत नगर स्वास्थ्य अधिकारी, स्मार्ट सिटी प्रभारी सहित नगर निगम के अन्य अधिकारियों ने इंदौर का निरीक्षण किया था. वहां सभी को बारिकी से सफाई के मॉडल को दिखाया गया था और कैसे वह अपने शहरों में इसे लागू कर सकते हैं, यह भी समझाया गया था.
ऐसा कहते हैं नगर आयुक्त
इस बारे में नगर आयुक्त संतोष कुमार शर्मा कहते हैं कि कानपुर में सफाई के लिए इंदौर मॉडल को अपनाने के लिए निर्देश दिए हैं. इंदौर और कानपुर की भौगोलिक स्थितियों और नेचर में काफी कुछ एक जैसा है. डीपीआर बनाने के लिए कहा गया है.
इस बारे में नगर आयुक्त संतोष कुमार शर्मा कहते हैं कि कानपुर में सफाई के लिए इंदौर मॉडल को अपनाने के लिए निर्देश दिए हैं. इंदौर और कानपुर की भौगोलिक स्थितियों और नेचर में काफी कुछ एक जैसा है. डीपीआर बनाने के लिए कहा गया है.