इस तरह करें इस पर्व पर पूजन व स्मरण वैसे तो करवाचौथ उपवास में भगवान शिवशंकर, माता पार्वती, कार्तिकेय, गणेश और चंद्र देवता की पूजा-अर्चना की जाती है। करवाचौथ (Karwa Chauth) को ललिता चर्तुथी और दशरथ चर्तुथी के नाम से भी जाना जाता है। इसमें व्रतधारी महिलाएं भोर पहर स्नान के बाद ललिता देवी का पूजन स्मरण करती हैं। दरअसल ललिता देवी सौभाग्य की देवी हैं। उनके स्मरण पूजन से घर में सुख, शांति, समृद्धि और संतान तथा पति की दीर्घायु का वर मिलता है। रात्रिबेला में पूर्ण चंद्रोदय होने पर चंद्रमा को छलनी से देखकर अर्घ्य देकर आरती उतारें और फिर अपने पति का दीदार करें तो पति की आयु लंबी होती है। सुहागिन पति के हाथ से जल ग्रहण कर व्रत का पारण करती हैं।