एसएसपी ने लगाई टीम
काकादेव एम ब्लॉक निवासी रूप किशन रैना की पनकी में जूबी एंड सरहा इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड नाम से फैक्ट्री है। बीते चार नवंबर को कारोबारी के पास अनजान नंबर से धमकी भरा फोन आया। फोन करने वाले ने छह साल पहले हमले की याद दिलाकर जान की सलामती के लिए दो करोड़ रुपये रंगदारी मांगी। कारोबारी ने एसएसपी अनंत देव तिवारी से शिकायत की। कल्याणपुर पुलिस व सर्विलांस टीम ने जांच शुरू कीं पुलिस ने बर्रा दो एलआइजी निवासी प्रफुल्ल सिंह सेंगर उर्फ रौनक व उसके साथी आशीष तिवारी उर्फ आशू को गिरफ्तार कर घटना का खुलासा किया। पकड़ा गया आरोपी प्रफुल्ल केडीए में बाबू के पद पर पदस्थ है।
6 साल पहले किया था घायल
कल्याणपुर सीओ राजेश पांडेय ने बताया कि 17 नवंबर 2012 में घर के बाहर प्रफुल्ल व उसके अन्य साथियों ने फैक्ट्री मालिक के साथ लूटपाट की योजना बनाई। घर के बाहर खड़े फैक्ट्रि मालिक को दबोचा लिया। पर उन्होंने शोर कर दिया, जिससे आरोपियों ने उन्हें घायल कर मौके से भाग गए। कल्याणपुर थानें में लूट की कोशिश व जानलेवा हमले का मुकदमा कारोबारी ने दर्ज कराया था। पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही थी, लेकिन वो हाथ नहीं लगे। प्रफुल्ल ने खुद का गैंग खड़ा करा लिया और छोटी-मोटी वारदातों को अंजाम देने लगा। पर केडीए में नौकरी करने के चलते वो पुलिस से बचता रहा।
बड़ा शातिर है केडीए का बाबू
रंगदारी मांगने का आरोपित केडीए कर्मी प्रफुल्ल सिंह उर्फ रौनक बेहद शातिर दिमाग है। फैक्ट्री मालिक से रंगदारी मांगने के लिए उसने पहले पल्सर बाइक से पनकी में एक मजदूर का मोबाइल फोन लूटा और फिर अपनी बीट कार से लोकेशन बदल-बदलकर कारोबारी को फोन करने लगा। पुलिस के मुताबिक जिस नंबर से फोन आया था, वह उत्तरीपुरा के व्यक्ति का निकला। कुछ दिन पहले पनकी इस्पातनगर में उसका मोबाइल पल्सर सवारों ने लूट लिया था। यह घटना भी प्रफुल्ल व उसके साथी ने की थी। प्रफुल्ल को उम्मीद थी कि छह साल पहले हुए हमले के कारण कारोबारी दहशत में होंगे और रंगदारी की रकम दे देंगे।
पिता की मौत के बाद पाया नौकरी
मूल रूप से जालौन निवासी प्रफुल्ल के पिता अनिरुद्ध सिंह केडीए में बेलदार पद पर तैनात थे। पुलिस के मुताबिक ग्रेजुएशन करने के बाद प्रफुल्ल ने नौकरी ढूंढ़ी और जब नहीं मिली तो अपराध की दुनिया में उतर गया। बर्रा व नौबस्ता के कई अपराधियों से उसकी यारी हो गई थी। उसने लूटपाट की कई घटनाओं को अंजाम दिया। लेकिन, पकड़ा नहीं गया। कैंसर से पिता की मौत के बाद वह मृतक आश्रित कोटे में नौकरी पा गया। लेकिन आरोपी सरकारी नौकरी के साथ ही अपराध भी करता था। पुलिस ने दोनों आरोपियों को जेल भेज गैंग के अन्य सदस्यों को पकड़ने का प्रयास कर रही है।