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पाठा की आहट से डरा कानपुर, चित्रकूट के लिए रवाना हुई पुलिस

locationकानपुरPublished: Apr 17, 2018 12:19:49 pm

Submitted by:

Vinod Nigam

काकादेव अपहरणकांड के बाद आरोपियों को अरेस्ट करने के लिए जुटी पुलिस, कई जिलों में भेजी गई टीमें

काकादेव अपहरणकांड के बाद आरोपियों को अरेस्ट करने के लिए जुटी पुलिस, कई जिलों में भेजी गई टीमें
कानपुर। काकादेव थानाक्षेत्र स्थ्ति एक मासूम का हथियारों से लैस बदमाशों ने अपहरण कर लिया और फिरौती के तौर पर पांच करोडद्य रूपए की डिमांड की। बच्चे की पिता की शिकायत के पुलिस एक्शन में आई और शहर की नाकेबंदी कर बदमाशों को दबोचने के लिए ऑपरेशन शुरू किया। पकड़े जाने के डर से बदमाशों ने मासूम को रोडवेस बस में बैठाकर फरार हो गए। पुलिस ने बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया और आरोपियों की तलाश में जुट गई है। पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि आरोपियों के तार चित्रकूट के किसी गैंगसे जुड़े हैं। वारदात के बाद बच्चे को कौशांबी की ओर ले जाने से पुलिस यही अंदाजा लगा रही है। चित्रकूट पुलिस से भी संपर्क कर वहां के बदमाशों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। साथ ही एक टीम चित्रकूट के लिए रवाना भी की गअर् है।
पहले कुछ इस तरह से करते थे काम
ददुआ, बलखड़िया और ठोकिया गैंग का पाटा के जंगलों में राज था। उनके गुर्गे प्रदेश के कई जिलों में मौजूद थे और लोगों का अपहरण कर उन्हें इन्हीं गैंगों को सौंप देते थे। डकैत फिर जंगल में बैठकर अपहरण की फिरौती वसूला करते थे। लेकिन 2007 में पाठा के जंगलों से मायातवी ने डकैतों का सफाया कर दिया। इसके बाद यहां कुछ ही गैंग सक्रिय रहे, जिन्हें योगी सरकार आने के बाद पुलिस ने कुछ हद तक सफाया कर दिया। पर अभी भी पुलिस पांच लाख के इनामी बबुली कोल को नहीं पकड़ सकी। वह आज भी पाठा के जंगल से अपनी सल्तन चला रहा है। कानपुर से बच्चे के अपहरण के तार चित्रकूट से जुड़े होने की भनक लगते ही पुलिस सतर्क हो गई है और अपरहणकर्ताओं को दबोचने के लिए एक अभियान चलाया हुआ है।
दिनहहाड़े बच्चे का किया था अपहरण
सोमवार को काकादेव निवासी एक हॉस्टल संचालक के बेटे का बदमाशों ने अपहरण कर लिया। दिनदहाड़े हुई इस वारदात के पुलिस तत्काल एक्शन में आई और पूरे जिले में नाकेबंदी कर बच्चे को सकुशल बदमाशों के चंगुल से छुड़ा लिया। वारदात के बाद पुलिस ने जब प्रतापगढ़ का नंबर ट्रेस किया और उसकी बी पार्टी के नंबर निकलवाने शुरू किए तो सभी की लोकेशन सोमवार सुबह छह से 10 बजे के बीच काकादेव व नजीराबाद क्षेत्र निकली। पुलिस ने बच्चे के घर पहुंचते ही सबसे पहले प्रतापगढ़ के उस युवक के बाबत पूछताछ की। इसके बाद एक टीम प्रतापगढ़ रवाना हुई। माना जा रहा है कि तभी बदमाश घबराए और पकड़े जाने का डर लगा। इसके बाद उन्होंने बच्चे को बस में बैठाकर कानपुर रवाना कर दिया। बच्चे की बरामदगी के बाद पुलिस टीमें प्रतापगढ़, रायबरेली, ऊंचाहार और कौशांबी में कई स्थानों पर पूछताछ कर रही हैं
सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही पुलिस
बरामदगी के बाद बच्चे को लेकर पुलिस ने शाम तक बदमाशों की तलाश की। औंग (फतेहपुर) व कौशांबी के टोल प्लाजा पर रुककर सभी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चेक की लेकिन, कार का पता नहीं लगा। छात्र के बताए उन सभी रास्तों पर पुलिस गई, जहां से बदमाश उसे ले गए थे। पुलिस ने लाजपतनगर में दुकानों और मकानों पर लगे कैमरों की फुटेज चेक की। लाला लाजपत राय पार्क के सामने स्थित टेक्नोशाला इलेक्ट्रानिक शॉप के कैमरे में पीछे बैठे बदमाश का हुलिया कैद हो गया। नंदू लगातार रो रहा था। एक थानेदार ने बताया कि उसका हुलिया चकेरी के एक बदमाश से मेल खा रहा था। हालांकि चकेरी के उस बदमाश का पता नहीं लगा। वहीं पुलिस शहर के कई अपराधियों को भी उठाया है और उसने पूछताछ कर रही है। बुंदेलखंड जिले के लोगों पर भी पुलिस की नजर है। एसपी ग्रामीण अशोक कुमार ने बताया जल्द ही आरोपियों को अरेस्ट कर लिया जाएगा। पाठा से तार जुड़ने पर वह बोले जांच चल रही है और इस पर कुछ बोलने से इंकार कर दिया।
पिस्टल लगा बोला ठोंक दूंगा
नहरिया रोड पर जेके धर्मशाला के आगे बदमाश पहले से घात लगाकर खड़े थे। बच्चों का ई रिक्शा देखकर आगे वाले ने चेहरे को रुमाल से ढक लिया। यह बात पास ही एक हैंडपाइप से पानी भर रहे राजापुरवा के बुजुर्ग ने बताई। उसने कहा कि बच्चे चिल्ला देते तो हम लोग मिलकर बदमाशों को दबोच लेते। चचेरे भाई रुद्रांश ने बताया कि बाइक चला रहा युवक चेहरे पर रुमाल बाधे था। नंदू को बाइक पर बैठाने के बाद उसने हेलमेट लगा लिया। आगे वाला नीली शर्ट पहने था और पीछे वाला हरी शर्ट व नीली जींस। पीछे वाले का चेहरा खुला था, मगर उसे पहले कभी नहीं देखा। छोटे भाई अक्षत उर्फ डुग्गू ने बताया कि पीछे वाले के हाथ में पिस्टल थी। उसने ड्राइवर अंकल के माथे पर पिस्टल लगाई और बोला ठोंक दूंगा..। पूछा नंदू कौन है? मैंने मजाक में कह दिया कि हम हैं तो मुझे मुंह दबाकर उठाने लगा। नंदू भइया बोले कि मैं नंदू हूं तो कहा कि चलो पापा बुला रहे हैं और जबरदस्ती नंदू को बाइक पर बैठाकर ले गए।
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