फिर शुरू किया शोध
बिहार के प्रमुख सचिव राजस्व परिषद एसएम राजू आयुर्वेद चिकित्सा एवं पंचकर्म सुपर स्पेशियलिटी सेंटर के तत्वावधान में कान्हा इंटरनेशनल में आयोजित गोष्ठी में भाग लेने के लिए कानपुर पहुंचे थे। एसएम राजू ने बताया कि वर्ष 2008 में पिता की किडनी खराब होने से वह डायलिसिस पर आ गए। उनके इलाज के लिए मछली, हरी धनिया, अदरख, हरी मिर्च, लहसून और पुदीना से दवा तैयार की। उसके प्रयोग से जबरदस्त लाभ हुआ। वर्ष 2014 तक वह बिना डायलिसिस के रहे। आमलोगों के लिए जल्द ही ये दवा कम कीमत पर बाजार में उपलब्ध होगी।
170 बीमारियों की बनाई दवाएं
राजू बताते हैं कि किडनी के सफन परिक्षण के हमनें हार्ट, लिवर, किडनी समेत 170 प्रकार की बीमारियों की आठ दवाएं बनाई। अब तक 14 दवाएं खोज चुके हैं। राजू के मुताबिक उनकी दवाओं का सेवन कई जानी-मानी हस्तियां कर पूरी तरह स्वस्थ हो चुकी हैं। अब अपना फार्मूला बेंगलुरू की एक कंपनी को दिया है, जो दवा बना रही है। बताया, ये दवा पूरी तरह से आयुर्वेदिक है। इसका सेवन करने से लीवर-किडनी समेत 170 प्रकार की बीमारियां ठीक होंगी।
इस वजह से बनें डाॅक्टर
राजू ने बताया कि पढ़ाई के दौरान गठिया हो गया था। वर्ष 1987 से 1988 तक इंजेक्शन लगवाने पड़े। कृषि स्नातक की पढ़ाई के दौरान औषधीय पौधों की जानकारी होने पर उनसे दवाएं बनाकर सेवन किया। इससे राहत मिली। राजू बताते हैं कि सिविल परिक्षा की तैयारी के दौरान जब भी खुद का य दूसरे साथी को सर्दी-जुकाम व बुखार आया। तब हमनें दवा के बजाए आयुर्वेद का सहारा लिया। सड़ी बूटियों के जरिए इलाज कर स्वास्थ्य लाभ उठाया।